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लॉकडाउन लागू करने के लिए बारामूला के अधिकारी ने लोगों को छड़ी से पीटा, बाद में मांगी माफी

बारामूला जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का लॉकडाउन लागू करने के लिए एक छड़ी से महिलाओं समेत कई लोगों को कथित रूप से पीटते, उन पर चिल्लाते और उन्हें धमकाते दिख रहे हैं. इसका वीडियो वायरल हो जाने के बाद उन्होंने माफी मांग ली है.

लॉकडाउन
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Published : May 12, 2021, 10:55 PM IST

श्रीनगर : बारामूला जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का बुधवार को एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन लागू करने के लिए एक छड़ी से महिलाओं समेत कई लोगों को कथित रूप से पीटते, उन पर चिल्लाते और उन्हें धमकाते दिख रहे हैं.

इस वीडियो के वायरल होने के कारण बारामूला के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) मोहम्मद एहसान मीर की आलोचना होने के बाद उन्होंने माफी मांगी. मीर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम जब तक कुछ असाधारण नहीं करते, तब तक लोग समझते नहीं हैं.'

एक रिपोर्ट

वीडियो में अधिकारी एक बुजुर्ग महिला पर चिल्लाते, उसे पीटते और उससे घर वापस जाने को कहते दिख रहे हैं. वह वीडियो में एक पुरुष को दो बार पीटते और उसे पैर से मारते दिख भी रहे हैं. इसके बाद वह उनसे माफी मांगती एक अन्य महिला और एक अन्य व्यक्ति को छड़ी मारते दिख रहे हैं. एडीसी बाजार में एक परिसर का दरवाजा बंद करने की कोशिश कर रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति को भी पीटते दिख रहे हैं.

एडीसी के इस कदम की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है और लोग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. भाजपा नेता शेख खालिद जहांगीर ने ट्वीट किया, 'कानून प्रवर्तन एजेंसियां गुंडों की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं. अधिकार के साथ जिम्मेदारी भी आती है. मानवाधिकार का उल्लंघन करने के लिए अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. वह लोगों को पीट नहीं सकते.'

पढ़ें - पुलिस सेवा के साथ ही कोरोना संक्रमित कर्मियों का इलाज कर रहे सीओ गणेश गुप्ता

एक ट्विटर यूजर इनाम उल हक ने इस कदम को शर्मनाक बताया और मीर के खिलाफ उसी प्रकार कार्रवाई किए जाने की मांग की, जैसे कि पश्चिम त्रिपुरा जिला मजिस्ट्रेट शैलेश कुमार यादव के खिलाफ की गई थी. कोविड-19 संबंधी नियम लागू करने के लिए एक शादी को बाधित करने का यादव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद उनका स्थानांतरण कर दिया गया था.

मीर ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. दरअसल कल एक खबर प्रसारित हुई थी कि बारामूला में कोई लॉकडाउन नहीं है. इसलिए, मैं लॉकडाउन लागू कराने के लिए सुबह छह बजे आया. मेरे पास छड़ी नहीं, बल्कि मकई की फसल की डंडी थी. दुर्भाग्य की बात है कि इसका वीडियो बना लिया गया.'

जब मीर से यह पूछा गया कि उन पर कानून को अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया जा रहा है, उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को नहीं पीटा. उन्होंने कहा, 'मैंने डंडी केवल उठाई थी, लेकिन किसी को पीटा नहीं. मैंने केवल एक व्यक्ति को मारा, क्योंकि वह पुलिसकर्मी था और मैंने उससे कहा कि उसे लॉकडाउन में बाहर नहीं आना चाहिए था.'

मीर ने कहा, 'यदि मैंने कोई ज्यादती की है, तो मैं माफी मांगता हूं. मुझे लगता है कि जब तक हम कुछ असाधारण नहीं करते, लोग नहीं समझेंगे.'

श्रीनगर : बारामूला जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का बुधवार को एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन लागू करने के लिए एक छड़ी से महिलाओं समेत कई लोगों को कथित रूप से पीटते, उन पर चिल्लाते और उन्हें धमकाते दिख रहे हैं.

इस वीडियो के वायरल होने के कारण बारामूला के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) मोहम्मद एहसान मीर की आलोचना होने के बाद उन्होंने माफी मांगी. मीर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम जब तक कुछ असाधारण नहीं करते, तब तक लोग समझते नहीं हैं.'

एक रिपोर्ट

वीडियो में अधिकारी एक बुजुर्ग महिला पर चिल्लाते, उसे पीटते और उससे घर वापस जाने को कहते दिख रहे हैं. वह वीडियो में एक पुरुष को दो बार पीटते और उसे पैर से मारते दिख भी रहे हैं. इसके बाद वह उनसे माफी मांगती एक अन्य महिला और एक अन्य व्यक्ति को छड़ी मारते दिख रहे हैं. एडीसी बाजार में एक परिसर का दरवाजा बंद करने की कोशिश कर रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति को भी पीटते दिख रहे हैं.

एडीसी के इस कदम की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है और लोग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. भाजपा नेता शेख खालिद जहांगीर ने ट्वीट किया, 'कानून प्रवर्तन एजेंसियां गुंडों की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं. अधिकार के साथ जिम्मेदारी भी आती है. मानवाधिकार का उल्लंघन करने के लिए अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. वह लोगों को पीट नहीं सकते.'

पढ़ें - पुलिस सेवा के साथ ही कोरोना संक्रमित कर्मियों का इलाज कर रहे सीओ गणेश गुप्ता

एक ट्विटर यूजर इनाम उल हक ने इस कदम को शर्मनाक बताया और मीर के खिलाफ उसी प्रकार कार्रवाई किए जाने की मांग की, जैसे कि पश्चिम त्रिपुरा जिला मजिस्ट्रेट शैलेश कुमार यादव के खिलाफ की गई थी. कोविड-19 संबंधी नियम लागू करने के लिए एक शादी को बाधित करने का यादव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद उनका स्थानांतरण कर दिया गया था.

मीर ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. दरअसल कल एक खबर प्रसारित हुई थी कि बारामूला में कोई लॉकडाउन नहीं है. इसलिए, मैं लॉकडाउन लागू कराने के लिए सुबह छह बजे आया. मेरे पास छड़ी नहीं, बल्कि मकई की फसल की डंडी थी. दुर्भाग्य की बात है कि इसका वीडियो बना लिया गया.'

जब मीर से यह पूछा गया कि उन पर कानून को अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया जा रहा है, उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को नहीं पीटा. उन्होंने कहा, 'मैंने डंडी केवल उठाई थी, लेकिन किसी को पीटा नहीं. मैंने केवल एक व्यक्ति को मारा, क्योंकि वह पुलिसकर्मी था और मैंने उससे कहा कि उसे लॉकडाउन में बाहर नहीं आना चाहिए था.'

मीर ने कहा, 'यदि मैंने कोई ज्यादती की है, तो मैं माफी मांगता हूं. मुझे लगता है कि जब तक हम कुछ असाधारण नहीं करते, लोग नहीं समझेंगे.'

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