नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों को और अधिक विस्तार देने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचीं. हसीना मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत करेंगी, जिसके बाद दोनों पक्ष रक्षा, व्यापार और नदी-जल बंटवारे के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों की रूपरेखा पेश कर सकते हैं.
नयी दिल्ली पहुंचने पर हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की अगवानी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नई दिल्ली आगमन पर रेलवे और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करेगी.'
बृहस्पतिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री राजस्थान के अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जाएंगी. हसीना के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन, वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी, रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान, मुक्ति युद्ध मंत्री एकेएम मोजम्मेल हक और प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों के सलाहकार मशिउर एकेएम रहमान शामिल हैं.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगी. हसीना ने आखिरी बार अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली का दौरा किया था.पिछले महीने, भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के पानी के अंतरिम बंटवारे पर समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दिया. समझौता ज्ञापन पर मंगलवार को दस्तखत होने हैं.
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दिल्ली में 25 अगस्त को हुई भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग (जेआरसी) की 38वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में समझौता ज्ञापन (एमओयू) के मसौदा को अंतिम रूप दिया गया.भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें से सात की पहचान पहले प्राथमिकता के आधार पर जल-बंटवारा समझौतों की रूपरेखा विकसित करने के लिए की गई थी. भारत और बांग्लादेश के बीच समग्र रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं.
पिछले साल मार्च में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और पड़ोसी देश के मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बांग्लादेश की यात्रा की थी. घनिष्ठ संबंधों के तहत, भारत ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए 1971 में हुए युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर कई कार्यक्रमों की मेजबानी की. दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच 2015 से 12 बार मुलाकात हो चुकी है.
(पीटीआई-भाषा)