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बंदेल स्टेशन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल करने की मांग - Bandel station in Guinness Book of World Records

परम एंटरप्राइजेज नामक ठेका कंपनी ने बंदेल स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल करने की मांग की है.

बंदेल स्टेशन
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Published : May 31, 2022, 6:20 PM IST

खड़गपुर : पश्चिम बंगाल के बंदेल-मगरा तीसरी लाइन के साथ बंदेल में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम को चालू करने का नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य 30 मई को पूरा हो गया है. इस उद्देश्य के लिए नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य 27 मई को दोपहर तीन बजे शुरू हुआ और 30 मई को निर्धारित समय दोपहर तीन बजे से बहुत पहले 1:20 बजे पूरा हो गया. वहीं, परम एंटरप्राइजेज नामक ठेका कंपनी के मुताबिक, बंदेल स्टेशन को विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के तहत लाने की उन्होंने मांग की थी. उन्होंने सिफारिश की कि बंदेल स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाए.

विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन
विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन

ठेकेदार फर्म के अनुसार, देश में सौ से अधिक स्टेशन हैं, जहां ट्रेन इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम द्वारा लाइनों को बदला जा रहा है. खड़गपुर के इंटरलॉकिंग सिस्टम में 800 रूट हैं, यानी ट्रेन के दोनों तरफ स्टेशन में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए 800 मार्ग उपलब्ध हैं. इसी तरह, हाल ही में बंदेल स्टेशन को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में तब्दील किया गया है. स्टेशन के दोनों ओर कुल 1,002 इंटरलॉकिंग मार्ग हैं.

विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन
विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनित पाठक ने कहा कि बंदेल स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम होने से रेलवे को लाभ होगा. यह तेजी से और अधिक सुरक्षित सेवा प्रदान करने के लिए सोचा गया है. हालांकि, कई जगहों पर इंटरलॉकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है, लेकिन सबसे बड़ा सिस्टम बंदेल में स्थापित है. यह दुनिया का सबसे बड़ा रूट स्टेशन बन गया है. हमने इसके लिए एक आवेदन जमा किये हैं कि बंदेल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाए. यदि वे आवेदन स्वीकार कर लिया गया तो बंदेल स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जाएगा.

खड़गपुर : पश्चिम बंगाल के बंदेल-मगरा तीसरी लाइन के साथ बंदेल में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम को चालू करने का नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य 30 मई को पूरा हो गया है. इस उद्देश्य के लिए नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य 27 मई को दोपहर तीन बजे शुरू हुआ और 30 मई को निर्धारित समय दोपहर तीन बजे से बहुत पहले 1:20 बजे पूरा हो गया. वहीं, परम एंटरप्राइजेज नामक ठेका कंपनी के मुताबिक, बंदेल स्टेशन को विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के तहत लाने की उन्होंने मांग की थी. उन्होंने सिफारिश की कि बंदेल स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाए.

विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन
विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन

ठेकेदार फर्म के अनुसार, देश में सौ से अधिक स्टेशन हैं, जहां ट्रेन इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम द्वारा लाइनों को बदला जा रहा है. खड़गपुर के इंटरलॉकिंग सिस्टम में 800 रूट हैं, यानी ट्रेन के दोनों तरफ स्टेशन में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए 800 मार्ग उपलब्ध हैं. इसी तरह, हाल ही में बंदेल स्टेशन को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में तब्दील किया गया है. स्टेशन के दोनों ओर कुल 1,002 इंटरलॉकिंग मार्ग हैं.

विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन
विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बंदेल स्टेशन

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनित पाठक ने कहा कि बंदेल स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम होने से रेलवे को लाभ होगा. यह तेजी से और अधिक सुरक्षित सेवा प्रदान करने के लिए सोचा गया है. हालांकि, कई जगहों पर इंटरलॉकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है, लेकिन सबसे बड़ा सिस्टम बंदेल में स्थापित है. यह दुनिया का सबसे बड़ा रूट स्टेशन बन गया है. हमने इसके लिए एक आवेदन जमा किये हैं कि बंदेल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाए. यदि वे आवेदन स्वीकार कर लिया गया तो बंदेल स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जाएगा.

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