रायपुर: शुक्रवार को रायपुर में आयोजित दरबार के दौरान संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने महाराज धीरेंद्र शास्त्री को भगवान स्वरूप बताया है. इस दौरान उन्होंने दरबार में क्या देखा, चुनौती देने वालों को लेकर उनके क्या विचार है. इस पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने खास बातचीत की. सुनिए विकास उपाध्याय ने क्या कहा...
सवाल : आज इस दरबार में आकर आपको कैसा लग रहा है?
जवाब : हिंदुस्तान में धार्मिक परंपराएं है और जिस तरह का राम कथा का वाचन हो रहा है, मुझे लगता है छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा वाचक हमने देखा नहीं है. इस प्रकार से भगवान के ऊपर आस्था रखने वाले और उन्हें मानने वाले लोग हैं, वह तमाम लोग यहां आए हैं. गुरुजी उनकी समस्याओं को बता रहे हैं. आचार्य शास्त्री अपने आप में एक भगवान स्वरूप हैं. आज जो कार्यक्रम यहां पर हो रहा है, यह अपने आप में ऐतिहासिक आयोजन है. इस पवित्र भूमि में उनके चरण पड़े हैं, मुझे लगता है सभी लोगों की मनोकामना पूरी होगी."
सवाल : कुछ लोगों ने इन्हें चुनौती दी है. आप यहां पर आप उपस्थित हैं पूरे कार्यक्रम को देखकर क्या लगता है?
जवाब : आज लाखों लोगों के सामने उन्होंने चुनौती को स्वीकार किया और जिस प्रकार से लोगों को बुलाया है. जो लोग उन पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं, उनको भी सामने रखा. उनसे भी बात की. अब दूध का दूध, पानी का पानी हो गया है. लोगो की आस्था और भक्ति श्रीराम पर विश्वास है. हनुमान पर लोगों की आस्था है. महाराज धीरेंद्र शास्त्री का अपने आप में एक बड़ा स्वरूप दिख रहा है.
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सवाल: नागपुर में जिन लोगों ने धीरे शास्त्री को चुनौती दी थी आज वे यहां मौजूद नहीं है. शास्त्री ने भी चुनौती स्वीकार करते हुए उन्हें आमंत्रित किया है?
जवाब : बागेश्वर महाराज ने चुनौती देने वालों को कहा है कि यदि उन पर विश्वास नहीं है, तो यहां पर आकर देख सकते हैं. आज यहां तमाम मीडिया था. मीडिया के बीच के लोगों को भी बुलाया गया है. मुझे लगता है कि लोगों को इस पर अब आगे बात नहीं करनी चाहिए."