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बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का पुनर्गठन - badri-kedar-temple-committee-reconstituted

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने के बाद पुरोहित समुदाय को खुश करने के लिए एक और निर्णय लेते हुए दो हिमालयी मंदिरों के मामलों के प्रबंधन के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को पुनर्गठित किया है.

बद्री-केदार मंदिर समिति का पुनर्गठन
बद्री-केदार मंदिर समिति का पुनर्गठन
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Published : Jan 10, 2022, 2:51 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 3:18 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने के बाद पुरोहित समुदाय को खुश करने के लिए एक और निर्णय लेते हुए दो हिमालयी मंदिरों के मामलों के प्रबंधन के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को पुनर्गठित किया है. यह कदम चार धाम सहित 51 मंदिरों के मामलों को नियंत्रित करने के लिए राज्य विधानसभा में एक कानून के माध्यम से चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से पहले दो मंदिरों को नियंत्रित करने वाले एक निकाय को पुनर्जीवित करता है.

इसे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पुरोहित समुदाय को राज्य सरकार के संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि वह हिमालयी मंदिरों पर उनके पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में संस्कृति सचिव एचसी सेमवाल (culture secretary HC Semwal) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भाजपा नेता अजेंद्र अजय को समिति का अध्यक्ष, किशोर पंवार को उपाध्यक्ष और बीडी सिंह को इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा समिति में 13 सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें - दिवाली पर 6000 से ज्यादा यात्रियों ने किए चारधाम दर्शन, श्रद्धालुओं का आंकड़ा 4.5 लाख पार

बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान एक कानून के माध्यम से गठित, चारधाम देवस्थानम बोर्ड को खत्म कर दिया गया था और पुजारियों द्वारा लंबे समय तक आंदोलन के कारण दिसंबर में इसका निर्माण करने वाले अधिनियम को वापस ले लिया गया था. पुजारियों ने हमेशा देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह मंदिरों पर उनके पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन है.

(पीटीआई)

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने के बाद पुरोहित समुदाय को खुश करने के लिए एक और निर्णय लेते हुए दो हिमालयी मंदिरों के मामलों के प्रबंधन के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को पुनर्गठित किया है. यह कदम चार धाम सहित 51 मंदिरों के मामलों को नियंत्रित करने के लिए राज्य विधानसभा में एक कानून के माध्यम से चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से पहले दो मंदिरों को नियंत्रित करने वाले एक निकाय को पुनर्जीवित करता है.

इसे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पुरोहित समुदाय को राज्य सरकार के संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि वह हिमालयी मंदिरों पर उनके पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में संस्कृति सचिव एचसी सेमवाल (culture secretary HC Semwal) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भाजपा नेता अजेंद्र अजय को समिति का अध्यक्ष, किशोर पंवार को उपाध्यक्ष और बीडी सिंह को इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा समिति में 13 सदस्य हैं.

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बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान एक कानून के माध्यम से गठित, चारधाम देवस्थानम बोर्ड को खत्म कर दिया गया था और पुजारियों द्वारा लंबे समय तक आंदोलन के कारण दिसंबर में इसका निर्माण करने वाले अधिनियम को वापस ले लिया गया था. पुजारियों ने हमेशा देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह मंदिरों पर उनके पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन है.

(पीटीआई)

Last Updated : Jan 10, 2022, 3:18 PM IST
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