पलक्कड़: केरल के पलक्कड जिले में एक पहाड़ी की दरार में फंसे ट्रेकर को हाल ही में सेना के जवानों ने बचाया. भारतीय सेना पर्वतारोहण दल के इस मिशन की सभी लोगों ने सराहना की. ट्रेकर का नाम बाबू है, जिसे कल मलमपुझा चेरत पर्वत से बचाया गया. फिलहाल उसका इलाज पलक्कड़ जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई में इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने बताया कि उसे 24 घंटे देखरेख की आवश्यकता है.
सेना द्वारा प्राथमिक उपचार दिए जाने के बाद, उसे भारतीय वायु सेना के एमआई -17 हेलीकॉप्टर का उपयोग करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया और पलक्कड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. डीएमओ केपी रीठा ने बताया कि बाबू को फिलहाल कोई शारीरिक परेशानी नहीं है. बचाव के बाद बाबू की मां, परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों ने मीडिया से कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि सेना उसे बचा लेगी. राज्य में यह शायद अपनी तरह का पहला मिशन था, जिसमें स्थानीय निकाय, एनडीआरएफ और तटरक्षक बल भी शामिल थे. और तो और वायुसेना के जवान भी स्टैंड-बाई पर थे.
बता दें कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा ट्रेकर को बचाने कि गुहार लगाने के बाद सेना ने मिशन के लिए पैराशूट रेजिमेंटल सेंटर बैंगलोर और मद्रास रेजिमेंटल सेंटर वेलिंगटन के योग्य पर्वतारोहियों और रॉक क्लाइम्बिंग विशेषज्ञों की दो टीमों को तैनात किया था. मिशन की सफलता पर मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन, और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने बाबू को बचाने के लिए सैनिकों को बधाई दी है. बता दें कि बाबू नामक ट्रेकर सोमवार को मालमपुझा के चेराड हिल पर चट्टान के बीच 48 घंटे तक फंसे हुए थे जिसके बाद सेना के जवानों द्वारा बुधवार को उसे सुबह दस बजे सुरक्षित निकाल लिया गया. पर्वातारोही पर किसी प्रकार का केस दर्ज नहीं किया गया है.
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