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बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष ने सुप्रियो को दिलाई विधायक पद की शपथ

पश्चिम बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नवनिर्वाचित विधायक बाबुल सुप्रियो को सदन के सदस्य के रूप में बुधवार को शपथ दिलाई. इसी के साथ इस बात को लेकर कई सप्ताह से जारी अनिश्चितता भी खत्म हो गई कि उन्हें कौन शपथ दिलाएगा.

Babul
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Published : May 11, 2022, 3:10 PM IST

कोलकाता: बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष ने बाबुल सुप्रियो को विधायक पद की शपथ दिलाई. दरअसल राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस बात पर अड़े रहे कि वह इस कार्य के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष को मनोनीत करने के अपने फैसले को नहीं बदलेंगे.

गायक से नेता बने सुप्रियो पिछले महीने बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी ने शपथ दिलाई. सुप्रियो ने कहा कि ऐतिहासिक पश्चिम बंगाल विधानसभा का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है. यह एक नया अनुभव होगा. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रहे सुप्रियो 16 अप्रैल को टीएमसी विधायक चुने गए लेकिन उनके शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही.

आमतौर पर विधानसभा के नए सदस्य को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को नामित किया जाता है लेकिन धनखड़ ने विधानसभा उपाध्यक्ष को इस कार्य के लिए नामित करने का फैसला किया. सुप्रियो द्वारा अध्यक्ष से उन्हें शपथ दिलाने की अनुमति मांगने के बावजूद राज्यपाल ने अपने फैसले पर कायम रहने का फैसला किया. सुप्रियो 16 अप्रैल को विधायक चुने गए थे.

यह भी पढ़ें- Sedition Law: राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर SC ने लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं होंगी

कोलकाता: बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष ने बाबुल सुप्रियो को विधायक पद की शपथ दिलाई. दरअसल राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस बात पर अड़े रहे कि वह इस कार्य के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष को मनोनीत करने के अपने फैसले को नहीं बदलेंगे.

गायक से नेता बने सुप्रियो पिछले महीने बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी ने शपथ दिलाई. सुप्रियो ने कहा कि ऐतिहासिक पश्चिम बंगाल विधानसभा का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है. यह एक नया अनुभव होगा. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रहे सुप्रियो 16 अप्रैल को टीएमसी विधायक चुने गए लेकिन उनके शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही.

आमतौर पर विधानसभा के नए सदस्य को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को नामित किया जाता है लेकिन धनखड़ ने विधानसभा उपाध्यक्ष को इस कार्य के लिए नामित करने का फैसला किया. सुप्रियो द्वारा अध्यक्ष से उन्हें शपथ दिलाने की अनुमति मांगने के बावजूद राज्यपाल ने अपने फैसले पर कायम रहने का फैसला किया. सुप्रियो 16 अप्रैल को विधायक चुने गए थे.

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