कोलकाता : भाजपा के पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) का टीएमसी (Trinamool Congress-TMC) में शामिल होना, बंगाल की राजनीति में बड़ा बदलाव है. हाल ही में वह ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी में शामिल हुए हैं. इस बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके विचार शायद भाजपा के शीर्ष नेताओं को पसंद नहीं आए.
उन्होंने कहा कि मेरी बातों को भाजपा ने अनदेखी की, किसी बात से मुझे कष्ट पहुंचा, जिसकी वजह से मैंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया, लेकिन वह अब अतीत हो चुका है.
जुलाई में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद राजनीति छोड़ने की घोषणा करने वाले सुप्रियो ने कहा कि उनका मोहभंग हो गया है और वह कला और संगीत को अधिक समय देना चाहते थे. लेकिन, उन्हें निश्चित रूप से सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा थी और टीएमसी ने उन्हें यह मौका दिया. ममता दीदी ने उन्हें राजनीति में लौटने और टीएम के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने कहा कि वह टीम में रहना चाहते थे और उन्हें यह मौका देने के लिए उन्होंने टीएमसी को धन्यवाद दिया है.
तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी के साथ बाबुल सुप्रियो की नोंकझोंक को लेकर किये सवाल पर उन्होंने इंग्लिश प्रीमियर लीग में एक मैच का उदाहरण देते हुए कहा कि टीमों का परिर्वतन एक सतत प्रक्रिया है, यह कोई नई बात नहीं है. न खेल में और न ही राजनीति में.
उन्होंने अपने और अभिषेक के बीच आरोप-प्रत्यारोप को स्वीकारते हुए बताया कि उन्होंने एक-दूसरे को कानूनी नोटिस भी भेजे थे. लेकिन वक्त आने पर उसे पीछे छोड़ हम आगे निकल जाएंगे. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पेरिस सेंट-जर्मेन में जाने के बाद बार्सिलोना के खिलाफ लियोनेल मेस्सी स्कोर नहीं करेंगे?
परिस्थितियां बदलती रहती हैं तथा अपने फैसले के लिए मेरे खिलाफ कई गई टिप्पणियों से परेशान नहीं हूं. मैं टीम के प्रति अपना शत-प्रतिशत देने के लिए काम करूंगा.