मुंबई महिलाओं पर अपनी टिप्पणी के 72 घंटे बाद विरोध व आलोचना होने पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने खेद व्यक्त किया और माफी मांगी है. रामदेव ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को इस आशय का एक ईमेल भेजा है. आयोग ने शुक्रवार के पत्र लिखकर रामदेव से 72 घंटों के भीतर उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा था.
ईटीवी भारत से बात करते हुए चाकणकर ने माफीनामा मिलने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि 'हमने रामदेव बाबा को 25 नवंबर, 2022 को ठाणे में एक कार्यक्रम में उनके समस्याग्रस्त बयानों के संबंध में एक नोटिस भेजा था. उन्हें अपनी टिप्पणी स्पष्ट करने और माफी मांगने के लिए कहा गया था. उन्होंने आज एक प्रकटीकरण पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया है.'
महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष कहा कि रामदेव ने ई-मेल कर अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त करते और माफी मांगी है, लेकिन यह भी कहा है कि उनकी टिप्पणी को संदर्भ से बाहर समझा गया.
चाकणकर ने चेतावनी देते हुए कहा, हमें नोटिस का जवाब मिल गया है, लेकिन अगर कोई और आपत्ति या शिकायत आती है, तो हम पूरी जांच करेंगे और पिछले सप्ताह आयोजित कार्यक्रम की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग प्राप्त करेंगे.
गौरतलब है कि ठाणे में महिलाओं के लिए आयोजित योग प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव बाबा ने कहा था 'महिलाएं साड़ी में अच्छी लगती हैं, वे सलवार सूट में भी अच्छी लगती हैं, और अगर उन्होंने कुछ न पहना हो तो और अच्छी लगती हैं.'
उस समय रामदेव के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र बालासाहेबंची शिवसेना ठाणे के सांसद श्रीकांत शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और अन्य गणमान्य लोग भी थे. रामदेव की इस टिप्पणी से महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सो में हंगामा खड़ा हो गया. लोगों ने उनकी तीखी आलोचना की. दिल्ली महिला आयोग ने भी योग गुरु की टिप्पणियों के लिए तंज कसा है.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, संजय राउत, डॉ. मनीषा कयांडे, किशोर तिवारी, महेश तापसे, अपर्णा मलिकर, तृप्ति देसाई जैसी महिला कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने रामदेव से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की थी.
बाबा रामदेव का विवादित बयान- 'महिलाएं बिना कुछ पहने भी अच्छी लगती हैं'