अहमदाबाद : बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री (Baba Bageshwar Dhirendra Shastri) गुजरात के अपने 25 मई से 3 जून के दौरे पर आज यहां पहुंच गए. इस दौरान वह राज्य के विभिन्न शहरों में दिव्य दरबार आयोजित करेंगे. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुटेंगे. धीरेंद्र शास्त्री के अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, गांधीनगर और सूरत में दिव्य दरबार का आयोजन किया जाएगा. संभावना है कि बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से उनके श्रद्धालु भी आएंगे.
वहीं गुरुवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उनके पहुंचने पर एक निजी संगठन के सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था. वहीं एयरपोर्ट पर शास्त्री के स्वागत के लिए साधु-संतों के अलावा काफी संख्या में अन्य लोग भी मौजूद थे. बताया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री सूरत के बड़े बिल्डर लवजी बादशाग के गोपीन फार्म हाउस में दो दिन तक रुकेंगे. इस दौरान सूरत में 26 और 27 मई को नीलगिरी मैदान में उनका दिव्य दरबार आयोजित किया जाएगा. इसमें ढाई लाख से अधिक लोग शामिल होंगे. दिव्य दरबार से पहले धीरेंद्र शास्त्री एक किलोमीटर लंबा रोड शो बी करेंगे. इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
इससे पहले बुधवार को गुजरात हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया, जिसमें पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के 'दिव्य दरबारों' के दौरान सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली कोई गतिविधि न हो. शास्त्री मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम के प्रमुख हैं.
न्यायमूर्ति एसवी पिंटो ने जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता ने इस आधार पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था कि स्वयंभू बाबा का दिव्य दरबार कार्यक्रम 26 मई से शुरू होने वाला है. इस संबंध मं याचिकाकर्ता अधिवक्ता केआर कोष्टी ने अदालत को बताया कि शास्त्री के दिव्य दरबार गुजरात के चार शहरों - सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट में 26 मई से सात जून के बीच लगेंगे.
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि अधिकारियों को प्रस्तावित कार्यक्रमों में वक्ताओं को भड़काऊ और डराने-धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल करने से रोकने के निर्देश दिए जाएं. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राज्य सरकार ने तहसीन पूनावाला मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू नहीं किया है, जिसमें इसके लिए रोकथाम और उपचारात्मक उपाय निर्धारित किए गए हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि शास्त्री के खिलाफ राजस्थान के उदयपुर में कथित अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर मामला दर्ज किया गया है और इसी तरह की मांग मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में उनके कार्यक्रमों के बाद की गई थी.
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