लखनऊ: सरकारी मुहर और लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने के मामले में आजम खां की जमानत खारिज (Azam Khans bail rejected) हो गई है. एमपी-एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण (Special Judge Harbans Narayan) ने आजम की जमानत अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खां काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध यह मुकदमा मजिस्ट्रेट न्यायालय में विचाराधीन है और इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है. दूसरी ओर जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा का तर्क था कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में एक फरवरी 2019 को अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी.
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इसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही थी. नकवी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आजम खां सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी को बदनाम करके उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)