तिरुवनंतपुरम: आपने आयुर्वेद के माध्यम से इंसानों के इलाज के बारे में तो बहुत सुना होगा, लेकिन क्या आपने किसी पेड़ के इलाज के बारे में सुना है? अगर नहीं आज हम आपको केरल की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक 130 साल पुराने पेड़ का इलाज किया जा रहा है और वह भी खास 'पेड़-चिकित्सकों' द्वारा.
दरअसल, केरल के पथानामथिट्टा में विशेष आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा 130 साल पुराने पेड़ को बचाने की कवायद चल रही है. हाल ही में कुछ अराजक तत्वों के द्वारा पेड़ को नष्ट करने के लिए उसकी जड़ में करीब 7 सेंटीमीटर गहरा छेद कर उसमें पारा (Mercury) डाल दिया गया था. अब आयुर्वेद के सहारे पेड़ को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है.
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इसके लिए पेड़ के चिकित्सक बीनू वझूर, गोपाकुमार कंगाझा, नितिन कूरोप्पडा और विजयकुमार इथिथानम, ने पहले रुई और नारियल की लकड़ी के माध्यम से पेड़ की जड़ों से पारा हटाया. इसके बाद एक विशेष औषधीय लेप तैयार कर पेड़ के तने पर लगाया गया और दूध और शुद्ध घी में भीगे 20 मीटर सूती कपड़े से पेड़ को बांधा गया. इसे छह महीने तक ऐसे ही रखा जाएगा जिससे पेड़ वापस अपनी पुराने स्थिति में आ सके. वहीं स्थानीय लोग इस पेड़ की देखभाल कर रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके पेड़ पर औषधि अच्छी तरह से लगी रहे.