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Avalanche in Uttarakhand: भारत चीन सीमा पर चमोली में आया एवलॉन्च, कुंती नाले में टूटकर गिरा ग्लेशियर

चमोली जिले में एवलॉन्च आया है. भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ ब्लॉक से आगे ये एवलॉन्च आया है. भारत चीन सीमा स्थित मलारी गांव के पास कुंती नाले में हिमस्खलन का वीडियो आया सामने आया है. हिमस्खलन का वीडियो आज सुबह करीब साढे 7 बजे का बताया जा रहा है. उधर केदारनाथ धाम में जोरदार बर्फबारी के कारण 6 फीट तक बर्फ जम गई है.

कुंती नाले में टूटकर गिरा ग्लेशियर
कुंती नाले में टूटकर गिरा ग्लेशियर
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Published : Jan 30, 2023, 3:16 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 3:59 PM IST

चमोली में भारत चीन सीमा के करीब आया एवलॉन्च.

चमोली: हिमालयी क्षेत्र चमोली जिले में एवलॉन्च की घटनाएं होती रहती हैं. आज भी यहां जोशीमठ से आगे हिमस्खलन की घटना हुई है. मलारी गांव के पास का जो वीडियो सामने आया है उसमें ग्लेशियर टूटकर कुंती नाले में समाता हुआ दिख रहा है. ये नाला भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले बॉर्डर के सडक पर है. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं.

इस क्षेत्र में एवलॉन्च की यह कोई पहली घटना नहीं है. लेकिन गांव के पास पहली बार यह एवलॉन्च आया है. चमोली में मौसम सर्द बना हुआ है. जहां ऊंचाई वाले इलाकों में हिम्पात हो रहा है, वहीं निचले इलाकों में सुबह से ही बारिश जारी है. चमोली में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, दिवालीखाल मंडल क्षेत्र में बर्फवारी शुरू हो गई है. बताया गया कि सोमवार को मलारी नाले में ग्लेशियर टूटने से चारों ओर बर्फ का धुआं उठा. मलारी में ग्लेशियर टूटने से हिमस्‍खलन हुआ है. भीषण ठंड की वजह से इन दिनों यहां सेना, आईटीबीपी के जवान और बीआरओ के कर्मचारी रहते हैं.

रुद्रप्रयाग में जोरदार बर्फबारी: उधर, रुद्रप्रयाग में एक बार फिर से मौसम खराब हो गया है. हिमालयी क्षेत्रों में देर रात से जहां बर्फबारी हो रही है. वहीं, निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. बारिश और बर्फबारी के कारण आम जन जीवन प्रभावित हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई है. वहीं, निचले क्षेत्रों में इस सीजन की पहली बारिश हो रही है. इस बारिश को खेती के लिये शुभ माना जा रहा है.

केदारनाथ धाम में छह फीट बर्फ जमी: केदारनाथ धाम से लेकर अन्य हिमालयी क्षेत्रों में देर रात से बर्फबारी जारी है. वहीं, निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है. बारिश और बर्फबारी के चलते मौसम बेहद ठंडा हो गया है. केदारनाथ धाम में छह फीट तक बर्फ जम चुकी है. धाम में बर्फबारी के चलते पहले ही पुनर्निर्माण कार्य बंद हो गए थे. केदारपुरी की सुरक्षा में आईटीबीपी के जवान मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं. इसके अलावा कुछ साधु संत भी धाम में रहकर बाबा की तपस्या कर रहे हैं.

बर्फबारी के बीच ललित महाराज की तपस्या: ललित महाराज आपदा के बाद से केदारपुरी में शीतकाल में भी बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. ये हर दिन मंदिर प्रांगण में जाकर बाबा की तपस्या में लीन रहते हैं. केदारनाथ धाम में चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, जबकि केदारनाथ से रामबाड़ा तक बर्फ जमने से पैदल रास्ते का कहीं पता नहीं चल पा रहा है.
ये भी पढ़ें- Uttarakhand Rain Alert: अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश और ओलावृष्टि, रेड अलर्ट जारी

निचले इलाकों में बारिश से जनजीवन प्रभावित: वहीं, निचले क्षेत्रों में देर रात तेज हवाएं चलने के बाद सुबह से बारिश जारी है. बारिश के चलते ठंड अत्यधिक बढ़ गई है. निचले क्षेत्रों में इस सीजन की यह पहली अच्छी बारिश हो रही है. इस बारिश को खेती के लिये अच्छा माना जा रहा है. बारिश के कारण बाजारों में सन्नाटा पसर गया है. लोग भी घरों में दुबक गये हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में मवेशियों के लिए चारापत्ती की समस्या पैदा हो गयी है. मौसम विभाग ने भी अगले 24 घटों तक अलर्ट पर रहने के लिये कहा है.

चमोली में भारत चीन सीमा के करीब आया एवलॉन्च.

चमोली: हिमालयी क्षेत्र चमोली जिले में एवलॉन्च की घटनाएं होती रहती हैं. आज भी यहां जोशीमठ से आगे हिमस्खलन की घटना हुई है. मलारी गांव के पास का जो वीडियो सामने आया है उसमें ग्लेशियर टूटकर कुंती नाले में समाता हुआ दिख रहा है. ये नाला भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले बॉर्डर के सडक पर है. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं.

इस क्षेत्र में एवलॉन्च की यह कोई पहली घटना नहीं है. लेकिन गांव के पास पहली बार यह एवलॉन्च आया है. चमोली में मौसम सर्द बना हुआ है. जहां ऊंचाई वाले इलाकों में हिम्पात हो रहा है, वहीं निचले इलाकों में सुबह से ही बारिश जारी है. चमोली में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, दिवालीखाल मंडल क्षेत्र में बर्फवारी शुरू हो गई है. बताया गया कि सोमवार को मलारी नाले में ग्लेशियर टूटने से चारों ओर बर्फ का धुआं उठा. मलारी में ग्लेशियर टूटने से हिमस्‍खलन हुआ है. भीषण ठंड की वजह से इन दिनों यहां सेना, आईटीबीपी के जवान और बीआरओ के कर्मचारी रहते हैं.

रुद्रप्रयाग में जोरदार बर्फबारी: उधर, रुद्रप्रयाग में एक बार फिर से मौसम खराब हो गया है. हिमालयी क्षेत्रों में देर रात से जहां बर्फबारी हो रही है. वहीं, निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. बारिश और बर्फबारी के कारण आम जन जीवन प्रभावित हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई है. वहीं, निचले क्षेत्रों में इस सीजन की पहली बारिश हो रही है. इस बारिश को खेती के लिये शुभ माना जा रहा है.

केदारनाथ धाम में छह फीट बर्फ जमी: केदारनाथ धाम से लेकर अन्य हिमालयी क्षेत्रों में देर रात से बर्फबारी जारी है. वहीं, निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है. बारिश और बर्फबारी के चलते मौसम बेहद ठंडा हो गया है. केदारनाथ धाम में छह फीट तक बर्फ जम चुकी है. धाम में बर्फबारी के चलते पहले ही पुनर्निर्माण कार्य बंद हो गए थे. केदारपुरी की सुरक्षा में आईटीबीपी के जवान मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं. इसके अलावा कुछ साधु संत भी धाम में रहकर बाबा की तपस्या कर रहे हैं.

बर्फबारी के बीच ललित महाराज की तपस्या: ललित महाराज आपदा के बाद से केदारपुरी में शीतकाल में भी बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. ये हर दिन मंदिर प्रांगण में जाकर बाबा की तपस्या में लीन रहते हैं. केदारनाथ धाम में चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, जबकि केदारनाथ से रामबाड़ा तक बर्फ जमने से पैदल रास्ते का कहीं पता नहीं चल पा रहा है.
ये भी पढ़ें- Uttarakhand Rain Alert: अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश और ओलावृष्टि, रेड अलर्ट जारी

निचले इलाकों में बारिश से जनजीवन प्रभावित: वहीं, निचले क्षेत्रों में देर रात तेज हवाएं चलने के बाद सुबह से बारिश जारी है. बारिश के चलते ठंड अत्यधिक बढ़ गई है. निचले क्षेत्रों में इस सीजन की यह पहली अच्छी बारिश हो रही है. इस बारिश को खेती के लिये अच्छा माना जा रहा है. बारिश के कारण बाजारों में सन्नाटा पसर गया है. लोग भी घरों में दुबक गये हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में मवेशियों के लिए चारापत्ती की समस्या पैदा हो गयी है. मौसम विभाग ने भी अगले 24 घटों तक अलर्ट पर रहने के लिये कहा है.

Last Updated : Jan 30, 2023, 3:59 PM IST
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