औरंगाबाद : महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग के संज्ञान में आया है कि स्कूली छात्र कुछ क्षेत्रों में मदरसों में भाग ले रहे हैं. औरंगाबाद प्राथमिक शिक्षा अधिकारी जयश्री चव्हाण ने अब पंचायत समिति और सभी तालुकों के समूह शिक्षा अधिकारियों को इस बारे में जानकारी देने का आदेश दिया है.
दरअसल जिला परिषद के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल न जाने वाले छात्रों का सर्वेक्षण शुरू किया गया है. कादराबाद गांव में जिला परिषद स्कूल का निरीक्षण करते समय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. पता चला कि जो छात्र उस समय मौजूद नहीं थे, वे मदरसों में पढ़ने गए थे (School students are going to Madrasa). वहीं, जानकारी सामने आई है कि कुछ अन्य गांवों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, इसलिए जिला परिषद ने जिले में ऐसे बच्चों की संख्या की समीक्षा शुरू कर दी है.
औरंगाबाद में 4602 जिला परिषद स्कूल : औरंगाबाद जिले में 4602 जिला परिषद स्कूल हैं. इसमें 443 उर्दू माध्यम के स्कूल हैं. कुल 9 लाख 41 हजार 459 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रों की कुल संख्या को ध्यान में रखते हुए, सर्वेक्षण से पता चला कि 1244 बच्चों ने स्कूल छोड़ा है. इसका मुख्य कारण कोरोना का प्रकोप, बाल विवाह, बाल श्रम और माता-पिता का प्रवास है.
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