विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के गुडिवाड़ा शहर में सोमवार को तनाव व्याप्त हो गया. दरअसल, सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी और विपक्षी टीडीपी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक वंगवीती मोहन रंगा राव की पुण्यतिथि मनाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना बनाई है. पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए निषेधाज्ञा लागू किया हुआ है.
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कस्बे में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के कार्यकर्ताओं के बीच रविवार रात से ही तनाव की स्थिति है. तेदेपा पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी नेता मेरुगुमाला काली ने तेदेपा के पूर्व विधायक रवि वेंकटेश्वर राव को फोन किया और रंगा की 24वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी. इसकी जानकारी होने पर तेदेपा के कार्यकर्ता सत्ताधारी पार्टी के नेता के आवास पर गए.
पूर्व मंत्री और वाईएसआरसीपी विधायक कोडाली नानी और टीडीपी नेता रवि के समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. इसको लेकर दोनों गुटों में तीखी नोकझोंक हुई. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया. विपक्षी दल के नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने धमकी और हिंसा का सहारा लेने वाले वाईएसआरसीपी के लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
पुलिस ने किसी भी सभा को रोकने के लिए टीडीपी कार्यालय के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए और कर्मियों को तैनात कर दिया. तेदेपा नेताओं ने कस्बे के एजीके स्कूल में रंगा की प्रतिमा पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. दूसरी तरफ, वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ता दूसरी जगह इकट्ठा हो गए और कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी. सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि टीडीपी को रंगा की पुण्यतिथि कार्यक्रम आयोजित करने का कोई अधिकार नहीं है.
इस बीच, जन सेना पार्टी (जेएसपी) के नेताओं ने भी रंगा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कांग्रेस पार्टी के नेता और कापू समुदाय से संबंधित रंगा की 1988 में हत्या कर दी गई थी जब वह भूख हड़ताल पर थे. उनकी हत्या के बाद विजयवाड़ा और कृष्णा जिले के अन्य हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों में हिंसा भड़क उठी.
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40 से अधिक लोग मारे गए थे और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था. आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव ने अपने टीडीपी विधायक देवीनेनी 'नेहरू' राजशेखर को सरेंडर करा दिया. तत्कालीन गृह मंत्री कोडेला शिवप्रसाद राव को भी इस्तीफा देना पड़ा था. 2016 में, विवादास्पद फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा ने दो प्रमुख जातियों और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों से संबंधित वांगवीती और नेहरू के परिवारों के बीच झगड़े पर आधारित एक फिल्म 'वंगावीती' बनाई थी.
रंगा के बेटे वांगवीती राधाकृष्ण 2012 में वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे, लेकिन विजयवाड़ा केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से टिकट से वंचित होने के बाद 2019 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वह टीडीपी में शामिल हो गए.
(आईएएनएस)