प्रयागराज: बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ के आतंकी कनेक्शन से जुड़े होने की एक कड़ी और सामने आ चुकी है. प्रयागराज में 14 सितम्बर 2021 को आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पकड़े गए जीशान कमर को लेकर एक चौकाने वाला बड़ा खुलासा हुआ है. जिस जीशान कमर को यूपी एटीएस और दिल्ली की स्पेशल सेल ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया था, उसका सीधा कनेक्शन अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ के साथ सामने आया है.
दरअसल, जीशान कमर के विदेश जाने का पासपोर्ट अशरफ की सिफ़ारिश के बाद ही जल्दी और आसानी से बना था. इसका खुलासा 2017 में अशरफ द्वारा पासपोर्ट अधिकारी को लिखे गए पत्र के वायरल होने के बाद हुआ है. ऐसे में यह शक भी बढ़ गया है कि पाकिस्तान में जाकर ट्रेनिंग लेने वाले जीशान का अतीक अशरफ से सीधा संबंध था. अतीक व अशरफ ने भी अपना संबंध आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी खुफिया जांच एजेंसी आईएसआई से होने की बात पुलिस को कस्टडी रिमांड के दौरान बताई थी. साथ ही उसने पाकिस्तान से आरडीएक्स मंगवाने की बात भी कही थी. ऐसे में यह शक भी बढ़ जाता है कि कहीं जीशान की निशानदेही पर बरामद हुए विस्फोटक का अतीक अशरफ से कोई संबंध तो नहीं था. बहरहाल सच्चाई क्या है यह पुलिस और जांच एजेंसियों की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.
संगम नगरी में आतंकी संगठन से मिलीभगत के आरोप में करेली थाना क्षेत्र के रहने वाले जीशान को 14 सितम्बर 2021 को गिरफ्तार किया गया था. जीशान को यूपी एटीएस और दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने छापेमारी करके गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसको कस्टडी में लेकर नैनी थाना क्षेत्र के एक पोल्ट्री फार्म में ले गई. जहां पर जीशान की निशानदेही पर छिपाकर रखे गए विस्फोटक पदार्थ को बरामद किया था. मौके पर मिले विस्फोटक को बम निरोधक दस्ते के एक्सपर्ट से डिफ्यूज़ करवाया गया था. जीशान के एक कार से तीन लोगों के साथ वहां पर जाकर विस्फोटक को कार से उतारकर रखते हुए सीसीटीवी में फुटेज भी कैद हो गई थी. इसके बाद ही उसे दिल्ली की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस की टीम लेकर दिल्ली गई थी, जहां उसके खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.
जीशान पर आरोप था कि वह विदेश यात्रा के दौरान अवैध तरीके से पाकिस्तान जाकर आतंकी संगठनों से मिला और आतंकी ट्रेनिंग ली थी. साथ ही वो देश में कोई बड़ी घटना करने की प्लानिंग का हिस्सा बन चुका था. जीशान का पासपोर्ट बनवाने के लिए अशरफ ने जो पत्र लिखा था, उसके वायरल होने से अतीक और अशरफ का एक और आतंकी कनेक्शन जोड़ा जा सकता है. पुलिस ने अतीक और अशरफ से उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में जब कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ शुरू की तो दोनों ने पुलिस को बयान दिया था कि उनका पाकिस्तान की आईएसआई और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से संपर्क है. साथ ही पंजाब के रास्ते ड्रोन से हथियार मंगवाए जाने की जानकारी दी थी. वहीं, जीशान की निशानदेही पर जो विस्फोटक बरामद हुए थे, वो भी पाकिस्तान से पंजाब में ड्रोन से लाए जाने वाले विस्फोटक से मिल रहा था. इस कारण जीशान और अतीक अशरफ का कनेक्शन आपस में जुड़ता दिख रहा है. इस कारण पुलिस की जांच की दिशा इस ओर भी घूम सकती है.
अकाउंटेंट से आतंकी बन गया था जीशान
आपको बता दें कि 14 सितम्बर 2021 को पकड़े गए जीशान ने एमबीए तक की पढ़ाई की थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद सऊदी अरब में जाकर एकाउंटेंट की नौकरी जॉइन कर ली थी. इस दौरान पहले से ही वहां मौजूद रहे प्रयागराज के करेली निवासी ओसामा से उसकी मुलाकात हुई. इसके बाद ओसामा और उसके पिता उबैद उर रहमान व उसके चाचा हुबैद उर रहमान से जीशान की मुलाकात हुई. वहीं से एकाउंटेंट से आतंकी बनने का जीशान का सफर शुरू हो गया था.
खजूर के व्यापार के नाम पर रची गई आतंक की साजिश
प्रयागराज के करेली इलाके के रहने वाले जीशान ने नैनी के शुआट्स से एमबीए की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद कुछ सालों पहले वो सऊदी अरब में एकाउंटेंट की नौकरी करने चला गया. जहां पर उसकी मुलाकात पुराने परिचित ओसामा और उसके पिता उबैद उर रहमान व चाचा हुमैद उर रहमान से हुई. तभी से उनकी नजदीकियां बढ़ गई थीं. प्रयागराज में तीन साल पहले हुए सीएए एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में भी जीशान इन्ही लोगों के साथ शामिल होता था. इसके बाद लॉकडाउन लगने पर जीशान प्रयागराज में रहने लगा. यहां पर ओसामा और उसके चाचा हुमैद उर रहमान खजूर का व्यापार करने लगे. ओसामा के चाचा और पिता कई साल से दुबई में रहकर काम करते थे. इसी वजह से जीशान आसानी से उनके साथ जुड़ गया. क्योंकि, वो प्रयागराज के करेली इलाके के रहने वाले थे और एक दूसरे को पहले से जानते भी थे.
मस्कट में किया गया था जीशान का ब्रेनवाश
खजूर के व्यापार को बढ़ाने के नाम पर जीशान को ओसामा और हुमैद उर रहमान के साथ मस्कट तक ले जाया गया. सुरक्षा एजेंसियों को शुरुआती जांच में पता चला था कि मस्कट से ही जीशान का ब्रेनवाश करने का काम शुरू हुआ था. उसे मस्कट के रास्ते होते हुए बोट व अन्य साधनों से पाकिस्तान तक पहुंचाया गया. यहां पर उसकी मुलाकात आईएसआई के लोगों से करवाई गई. इसके बाद जीशान पूरी तरह से उनके कहने पर काम करने लगा था. उसी दौरान उसे पाकिस्तान में थट्टा पहुंचाया गया, जहां पर आतंकी कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी.
थट्टा में ही जीशान व ओसामा के साथ ही अन्य लोगों को आतंक की ट्रेनिंग दी गई. वहीं पर रहकर जीशान और ओसामा ने भी आतंक की ट्रेनिंग पूरी की. इस ट्रेनिंग में उन्हें एके 47 से लेकर आईईडी ब्लास्ट करने और रॉकेट लॉन्चर चलाने के साथ ही ग्रेनेड फेंकने तक की भी ट्रेनिंग दी गई. इस तरह से एमबीए की पढ़ाई करके एकाउंटेंट बना जीशान आतंकी बन गया. आतंकी बने जीशान के विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने का काम अशरफ ने किया था.
अशरफ ने पूर्व विधायक वाले अपने लेटर पैड पर नवम्बर 2017 में पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखा था. उसी के बाद जीशान का जल्दी और आसानी से पासपोर्ट बन गया था. क्योंकि, पूर्व विधायक ने उसे अपना करीबी और बेहद खास होने के साथ ही उसके लिए सालों से कार्य करने वाला भी बताया था. अब इस लेटर के वायरल होने के बाद एक बार फिर जीशान से पूछताछ हो सकती है.
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