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HOLI 2023: ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से जानिए होली और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त - श्रीलोक मंगलमय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान चित्रकूट

होली का पर्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाएगा. ऐसा योग ग्रहों की वजह से बना है. श्रीलोक मंगलमय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान चित्रकूट धाम मंडल के निदेशक ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों के लिए होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर जानकारी साझा की है.

ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से खास बातचीत.
ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से खास बातचीत.
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Published : Mar 4, 2023, 8:23 PM IST

ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से खास बातचीत.

लखनऊ : देश में इस बार होली का पर्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिनों में मनाया जा रहा है. ऐसा ग्रहों की वजह से हो रहा है. होलिका दहन का क्या शुभ मुहूर्त है और होलिका दहन किस दिन करना ज्यादा शुभ है. ग्रहों और नक्षत्रों की वजह से कई साल बाद अलग दिनों में होली मनाए जाने का समाज प्रदेश देश और दुनिया पर क्या असर पड़ सकता है? इसे लेकर "ईटीवी भारत" ने श्रीलोक मंगलमय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान चित्रकूट धाम मंडल के निदेशक ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से बात की.



ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज का कहना है कि इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा 7 मार्च मंगलवार को प्रदोष से कुछ मिनट पहले समाप्त हो रही है. 6 मार्च दिन सोमवार सायं काल 4:08 में भद्रा आरंभ हो जाएगी. भद्रा में होली जलाना निषेध माना गया है. पूर्व दिने भद्रा सस्वात तत्र च होलिका निषेधात. धर्मशास्त्र निर्णय सिंधु में उल्लेख है कि भद्रायाम दीपिता होली राष्ट्रभंगम करोति वै. नगरस्य च नैवेष्टा तस्मातां परिपरज्येत". ज्योतिष आचार्य राजेश जी महाराज ने ज्योतिष गणना करते हुए सिद्ध किया है कि इस बार होलिका दहन के लिए सर्वमान्य मुहूर्त छह मार्च की अर्धरात्रि उपरांत यानी सात मार्च को है. पूर्वोत्तर भारत में होलिका सात मार्च को जलाई जाएगी.

दक्षिण भारत में 6 मार्च को होलिका दहन होगा. दिन में प्रतिपदा में व पूर्णिमा न मिलने पर भद्रा आदि रहते हुए होलिका जलाना निषेध है. उनका कहना है कि 10 को बाद अलग-अलग दिनों पर होलिका दहन का असर भी देश दुनिया पर पड़ेगा. भारत में भी इसका असर अच्छा और खराब जरूर पड़ेगा. तुर्की और सीरिया जैसी आपदा भी भारत में आ सकती है. एनडीआरएफ को तैयार रहना होगा. कोरोना भारत से भले खत्म हो गया है, लेकिन अप्रैल से जून तक कोविड का नया वैरियंट आ सकता है या कोई महामारी आ सकती है. खाद्य सामग्री पर भी महंगाई का असर देखने को मिलेगा. महंगाई और भी ज्यादा बढ़ेगी. वैज्ञानिक स्तर पर भारत बहुत मजबूत होगा. डिजिटल तकनीक भी तेजी से विकसित होगी. विश्व में देश का नाम और भी ज्यादा छाएगा. राजनीतिक दृष्टि से फायदे और नुकसान की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार को 2024 तक नुकसान होता दिख रहा है. हालांकि सरकार के कामकाज की सराहना होगी, लेकिन विपक्ष मजबूत होगा. विपक्षियों के लिए इस साल से लेकर अगले साल तक की होली शुभ है.

यह भी पढ़ें : Love Rashifal 4 March : कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का लव राशिफल

ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से खास बातचीत.

लखनऊ : देश में इस बार होली का पर्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिनों में मनाया जा रहा है. ऐसा ग्रहों की वजह से हो रहा है. होलिका दहन का क्या शुभ मुहूर्त है और होलिका दहन किस दिन करना ज्यादा शुभ है. ग्रहों और नक्षत्रों की वजह से कई साल बाद अलग दिनों में होली मनाए जाने का समाज प्रदेश देश और दुनिया पर क्या असर पड़ सकता है? इसे लेकर "ईटीवी भारत" ने श्रीलोक मंगलमय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान चित्रकूट धाम मंडल के निदेशक ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से बात की.



ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज का कहना है कि इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा 7 मार्च मंगलवार को प्रदोष से कुछ मिनट पहले समाप्त हो रही है. 6 मार्च दिन सोमवार सायं काल 4:08 में भद्रा आरंभ हो जाएगी. भद्रा में होली जलाना निषेध माना गया है. पूर्व दिने भद्रा सस्वात तत्र च होलिका निषेधात. धर्मशास्त्र निर्णय सिंधु में उल्लेख है कि भद्रायाम दीपिता होली राष्ट्रभंगम करोति वै. नगरस्य च नैवेष्टा तस्मातां परिपरज्येत". ज्योतिष आचार्य राजेश जी महाराज ने ज्योतिष गणना करते हुए सिद्ध किया है कि इस बार होलिका दहन के लिए सर्वमान्य मुहूर्त छह मार्च की अर्धरात्रि उपरांत यानी सात मार्च को है. पूर्वोत्तर भारत में होलिका सात मार्च को जलाई जाएगी.

दक्षिण भारत में 6 मार्च को होलिका दहन होगा. दिन में प्रतिपदा में व पूर्णिमा न मिलने पर भद्रा आदि रहते हुए होलिका जलाना निषेध है. उनका कहना है कि 10 को बाद अलग-अलग दिनों पर होलिका दहन का असर भी देश दुनिया पर पड़ेगा. भारत में भी इसका असर अच्छा और खराब जरूर पड़ेगा. तुर्की और सीरिया जैसी आपदा भी भारत में आ सकती है. एनडीआरएफ को तैयार रहना होगा. कोरोना भारत से भले खत्म हो गया है, लेकिन अप्रैल से जून तक कोविड का नया वैरियंट आ सकता है या कोई महामारी आ सकती है. खाद्य सामग्री पर भी महंगाई का असर देखने को मिलेगा. महंगाई और भी ज्यादा बढ़ेगी. वैज्ञानिक स्तर पर भारत बहुत मजबूत होगा. डिजिटल तकनीक भी तेजी से विकसित होगी. विश्व में देश का नाम और भी ज्यादा छाएगा. राजनीतिक दृष्टि से फायदे और नुकसान की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार को 2024 तक नुकसान होता दिख रहा है. हालांकि सरकार के कामकाज की सराहना होगी, लेकिन विपक्ष मजबूत होगा. विपक्षियों के लिए इस साल से लेकर अगले साल तक की होली शुभ है.

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