नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान रैली, जनसभा और रोड शो पर लगी रोक को 31 जनवरी तक जारी रखने का फैसला किया है. शनिवार को हुई चुनाव आयोग की ऑनलाइन बैठक में लंबे मंथन के बाद यह फैसला लिया गया. पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि रैलियों और बड़ी जनसभाओं पर प्रतिबंध एक और हफ्ते के लिए जारी रखा जा सकता है. बता दें, चुनाव आयोग ने पहले 15 जनवरी तक रैलियों और बड़ी जनसभाओं के आयोजन पर रोक लगाई थी, जिसे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था.
निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को डोर-टू-डोर कैंपेन में थोड़ी राहत दी है. अब डोर-टू-डोर कैंपेन में 10 लोगों के शामिल होने की इजाजत होगी. इससे पहले डोर-टू-डोर कैंपेन में केवल पांच लोगों की अनुमित थी. साथ ही राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो. इसके अलावा बैठक में कोविड नियमों के उल्लंघन मामलों पर भी चर्चा हुई है.
चुनाव आयोग की आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक हुई, जिसमें स्थिति को देखते हुए कदम उठाए गए. बता दें, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपने कार्यालय में कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) को नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को उसे स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं करने और भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी थी. आयोग ने यह देखते हुए कि यह सपा की ओर से मौजूदा दौर के चुनावों के दौरान पहली बार उल्लंघन की सूचना है, उसे भविष्य में सतर्क रहने और सभी मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी. आयोग ने पार्टी से अपने सदस्यों को चुनाव की अवधि के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश देने के लिए कहा था.
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