गुवाहाटी : असम के पहाड़ी जिलों में सक्रिय प्रतिबंधित दीमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) के शीर्ष उग्रवादी शुक्रवार को सरकार से बातचीत के लिए सामने आए. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि उग्रवादी समूह के स्वयंभू अध्यक्ष एडिका डिफुसा उर्फ खरमिंदाओ डिमासा, उनके डिप्टी जुडिचन हाफलोंगबर उर्फ अमेरिका डिमासा और 'महासचिव' प्रीथमजीत जिदोंगसा उर्फ गलाओ डिमासा एकतरफा युद्धविराम की घोषणा के करीब एक पखवाड़े बाद शांति वार्ता करने के लिए सामने आए.
असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू, विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जीपी सिंह और एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ के साथ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्बी आंगलोंग जिले के धनसिरी में उनसे मिले.
अधिकारी ने बताया कि वहां बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि तीनों उग्रवादियों को गुवाहाटी लाया गया. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह क्षेत्र में स्थायी समाधान और शांति को लेकर आशान्वित हैं.
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'जब हम विशेष प्रयास करते हैं तो शांति भ्रामक नहीं होती है. असम के पहाड़ी जिलों का सशस्त्र संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) आज जंगल से निकल कर बाहर आया. हम बातचीत में उनका स्वागत करते हैं और स्थायी समाधान और शांति की उम्मीद करते हैं.'
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डीएनएलए का गठन 2019 की शुरुआत में 'संप्रभु और स्वतंत्र दिमासा राष्ट्र' की स्थापना के उद्देश्य से किया गया था. यह राज्य के कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों में सक्रिय था. डीएनएलए ने सात सितंबर को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा 'सद्भावना के संकेत और शांति के आह्वान के सकारात्मक जवाब के रूप में' तीन महीने के लिए एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की.
पांच ट्रक चालकों की हुई थी हत्या
डीएनएलए के उग्रवादी 27 अगस्त को दीमा हसाओ जिले में कोयला ले जा रहे पांच ट्रक चालकों की हत्या में कथित रूप से शामिल थे. अगवा किए गए ट्रक चालकों के मालिकों ने संगठन की मांग के अनुरूप राशि का भुगतान नहीं किया था. मुख्यमंत्री सरमा ने 10 मई को पदभार संभालने के बाद सभी उग्रवादी समूहों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की थी.
(पीटीआई-भाषा)