शिलॉन्ग : मेघालय में असम के साथ लगती सीमा पर भीड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए मेघालय के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) फिरोज रहमान ने शनिवार को असम पुलिस पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इलाके में परेशानी को भांपते हुए असम पुलिस लड़ाई के लिए तैयार थी, लेकिन जब उन पर हमला हुआ तो उसने मदद नहीं की. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने कहा, ऐसा हो सकता है कि असम पुलिस के कुछ कर्मियों ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया हो.
बता दें, मेघालय के री-भोई जिले (Ri Bhoi District) में तैनात रहमान को उम्लापर में हालात का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन ने बुधवार को वहां भेजा था. इससे एक दिन पहले स्थानीय लोगों ने असम पुलिस द्वारा लगाए एक शिविर का घेराव कर लिया था.
रहमान ने बताया, इलाके में कुछ परेशानी होने की सूचना मिलने पर वह और उनकें साथ एक दल तुरंत वहां के लिए रवाना हुए. विवादित इलाके में पहुंचने पर भीड़ ने उन्हें घुसने तो दिया लेकिन वापस आते वक्त सड़क अवरुद्ध कर दी.
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि असम पुलिस सुरक्षा देगी लेकिन उन्होंने मदद की गुहार नहीं सुनी. उन्होंने कहा, असम पुलिस वहां थी लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की. स्थानीय लड़कों ने हमसे हाथापाई शुरू कर दी. नेपाली और कार्बी लोग आए तथा मुझे और मेरे चालक पर हमला कर दिया.
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पुलिस अधिकारी ने कहा, उन्होंने मुझ पर और मेरे चालक पर हमला कर दिया और नजदीक के एक खेत में फेंक दिया. मैं किसी तरह सुरक्षा के लिए भागा. अगर मैं नहीं भागता तो वे मुझे मार देते। हमने उन्हें किसी भी तरीके से नहीं उकसाया. यहां तक कि मंगलवार को उन्हीं लोगों ने हमसे अच्छी तरह बात की, लेकिन बुधवार को उन्होंने हमारे ऊपर हमला कर दिया. मुझे लगता है कि असम पुलिस के कुछ कर्मियों ने भीड़ को उकसाया होगा इसलिए वे हमारी मदद के लिए नहीं आए.
अभी पुलिस अधिकारी का शिलॉन्ग के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
( पीटीआई-भाषा )