गुवाहाटी: असम सरकार ने ईद-उल-अजहा को लेकर राज्य में आपातकालीन निर्देश जारी किए हैं. राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को विशेष तत्काल निर्देश भेजे हैं. निर्देश में ईद के दौरान गायों, ऊंटों और अन्य जानवरों के अवैध वध और बलि को रोकने का भी आदेश दिया गया है. साथ ही ईद के नाम पर पशु परिवहन अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं.
सचिव, भारतीय पशु कल्याण परिषद, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार, इस संबंध में राज्य सरकार को पहले ही निर्देश जारी कर चुकी है. असम गृह और राजनीतिक विभाग के संयुक्त सचिव ने 4 जुलाई, 2022 को जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को एक पत्र में इस संबंध में निर्देश जारी किए. असम सरकार ने बछड़ों, ऊंटों और अन्य जानवरों के अवैध वध और बलि को रोकने के लिए निर्देश जारी किया है. बकरीद के नाम पर पशुओं की तस्करी रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के भी आदेश दिए.
वहीं, असम जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने मुसलमानों से उन जानवरों का उपयोग करने का आग्रह किया है जो किसी की भावनाओं को आहत नहीं करते हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, 'भारत विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों का देश है. इस देश के अधिकांश लोग सनातन धर्म के अनुयायी हैं. सनातन धर्म में गायों की पूजा की जाती है. इस देश में अधिकांश लोगों द्वारा गायों को माता माना जाता है. इसलिए गायों की बलि न दें.' भारत की सबसे बड़ी इस्लामी संस्था दारुल उलूम देवबंद ने भी 2008 में ईद-उल-अज़हा के दौरान गायों का उपयोग न करने की सार्वजनिक अपील जारी की थी.
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