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असम में बाढ़ का कहर, अब तक 7 लोगों की गई जान - असम में बाढ़ से 7 लोगों की गई जान

असम में बाढ़ का असर अब साफ दिखने लगा है. कई इलाके पानी में डूब गए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को बाढ़ में मरने वालों की एक लिस्ट जारी की है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 28, 2023, 10:31 PM IST

असम: असम में बाढ़ की स्थिति में कुछ हद तक सुधार हुआ है लेकिन तबाही अभी खत्म नहीं हुई है. असम में बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है. यह जानकारी असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को जारी की. बुधवार शाम जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की कोई भी नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है. पिछले 24 घंटों में राज्य के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. ये जिले हैं बजाली, बारपेटा, बिस्वनाथ, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर.

जबकि 20 राजस्व अंचल कार्यालयों के अंतर्गत 395 राजस्व गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. इस बीच, 395 राजस्व गांवों के कुल 82,965 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा 18,674 लोग लखीमपुर जिले में प्रभावित हुए हैं. साथ ही बाढ़ के कारण 1859.91 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान हुआ है. इसके अलावा, बजली, बारपेटा, बिश्वनाथ, कामरूप, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर जिलों में स्थापित कुल 106 राहत आश्रयों में से, अकेले कामरूप जिले के अंतर्गत उत्तरी गुवाहाटी में एक आश्रय सक्रिय है. इसके विपरीत इन जिलों में 105 राहत शिविर सक्रिय हैं. गौरतलब है कि राज्य में बाढ़ की पहली लहर में कुल 65,759 मवेशियों की मौत हो गई थी.

ज्ञात हो कि असम के साथ-साथ भूटान में भी वर्षा का स्तर कुछ हद तक कम हो गया है, जिसके कारण राज्य की नदियों का जल स्तर कम हो गया है. लेकिन लगातार बारिश होने पर राज्य में बाढ़ का प्रकोप फिर से बढ़ने की पूरी संभावना है.

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असम: असम में बाढ़ की स्थिति में कुछ हद तक सुधार हुआ है लेकिन तबाही अभी खत्म नहीं हुई है. असम में बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है. यह जानकारी असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को जारी की. बुधवार शाम जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की कोई भी नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है. पिछले 24 घंटों में राज्य के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. ये जिले हैं बजाली, बारपेटा, बिस्वनाथ, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर.

जबकि 20 राजस्व अंचल कार्यालयों के अंतर्गत 395 राजस्व गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. इस बीच, 395 राजस्व गांवों के कुल 82,965 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा 18,674 लोग लखीमपुर जिले में प्रभावित हुए हैं. साथ ही बाढ़ के कारण 1859.91 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान हुआ है. इसके अलावा, बजली, बारपेटा, बिश्वनाथ, कामरूप, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर जिलों में स्थापित कुल 106 राहत आश्रयों में से, अकेले कामरूप जिले के अंतर्गत उत्तरी गुवाहाटी में एक आश्रय सक्रिय है. इसके विपरीत इन जिलों में 105 राहत शिविर सक्रिय हैं. गौरतलब है कि राज्य में बाढ़ की पहली लहर में कुल 65,759 मवेशियों की मौत हो गई थी.

ज्ञात हो कि असम के साथ-साथ भूटान में भी वर्षा का स्तर कुछ हद तक कम हो गया है, जिसके कारण राज्य की नदियों का जल स्तर कम हो गया है. लेकिन लगातार बारिश होने पर राज्य में बाढ़ का प्रकोप फिर से बढ़ने की पूरी संभावना है.

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