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एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल, जिओ टूरिज्म के तौर पर किया जाएगा विकसित

एशिया का पहला फॉसिल पार्क शिवालिक फॉसिल पार्क है जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सुकेती में स्थित बना है. 1974 में बना ये फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में चयनित किया गया है. (Shivalik Fossil Park) (Asia oldest Fossil park Shivalik Fossil Park)

shivalik fossil park sirmaur
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Published : Apr 4, 2023, 4:25 PM IST

एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल

नाहन: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के तहत 1974 में सिरमौर जिले के सुकेती में एशिया का पहला शिवालिक फॉसिल पार्क स्थापित किया गया था. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित इस पार्क की विशेषता यह है कि जो फॉसिल इस जगह पर मिले हैं, उन्हें ही यहां संग्रहित किया गया है. जियोलॉजिकल सर्वेक्षण इस पार्क की व्यवस्था देख रहा है. दरअसल इस फॉसिल पार्क में जहां संग्रहालय में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं. वहीं, साथ ही उनका इतिहास भी लिखा गया है. इसके अलावा लाखों वर्ष पूर्व यहां पाए जाने वाले जीव जंतुओं के फाइबर ग्लास मॉडल्स भी बनाए गए हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ जिसमें हिमाचल, पंजाब व हरियाणा आते हैं, सुकेती फॉसिल पार्क इन्हीं के संरक्षण में यहां चल रहा है.

जिओ टूरिज्म के तौर पर किया जाएगा विकसित
जिओ टूरिज्म के तौर पर किया जाएगा विकसित

सुकेती फॉसिल पार्क का 90 जियोलॉजिकल साइट में चयन: अब सुकेती शिवालिक फॉसिल पार्क को 90 जियोलॉजिकल साइट में चयनित किया गया है. ऐसे में जियोलॉजिकल सर्वेक्षण इस पार्क को जियो टूरिस्म के तौर पर विकसित करने जा रहा है. इसके चलते यहां पर रिसर्च व स्टडी इत्यादि की जा सकेगी. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित यह पार्क हरियाणा व हिमाचल की सीमा पर कालाअंब से 6 किलोमीटर दूर सुकेती में स्थित है. अधिकांश लोग पार्क देखने पहुंचते हैं. सुकेती को जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित करने से यहां पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी और रोजगार सृजन भी हो सकेगा.

इस फॉसिल पार्क में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं.
इस फॉसिल पार्क में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं.

जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाएगा पार्क: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ के उप महानिदेशक डॉ. घनश्याम तिवारी ने बताया कि शिवालिक पहाड़ियों में स्थित सुकेती फॉसिल पार्क एशिया का अपनी तरह का पहला पार्क है, जहां पर यहीं पाए जाने वाले जीवों के मॉडल्स बनाकर रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि इस पार्क को 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल किया गया है. इसके चलते यहां पर अब और अधिक विकास किया जा सकेगा. यह स्थान रिसर्च के लिए भी उपयोग होगा. साथ ही इसे जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाएगा और यहां पार्क का संवर्धन व सरंक्षण अच्छे ढंग से होगा.

एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल
एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल

क्या कहते हैं फॉसिल पार्क में आए लोग: वहीं, सुकेती फॉसिल पार्क में घूमने आए विद्यार्थियों ने बताया कि इस स्थान पर हमें अपने इतिहास को देखने का मौका मिलता है. कई प्रकार की जानकारियां भी हासिल होती है. यह उनके लिए बहुत काम आएगा. उधर कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ आई शिक्षिका ने बताया कि वह अपने छात्रों को यहां पर शैक्षणिक विजिट पर लाई हैं, ताकि पुरातत्व के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें. वहीं, महिला पर्यटक ने बताया कि यहां पर हमें पुरातत्व के बारे संपूर्ण जानकारी मिलती है. यह एक महत्वपूर्ण स्थल है. कुल मिलाकर सुकेती फॉसिल पार्क अब जियोलॉजिकल साइट सूची में आ गया है और जल्द ही यहां पर अनेक विकास कार्य शुरू होंगे. इससे यह जियो टूरिज्म स्थल के तौर पर भी विकसित होगा.

ये भी पढ़ें: पहाड़ों की रानी शिमला में मौसम हुआ कूल-कूल, Weekend पर सैलानियों की बहार

एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल

नाहन: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के तहत 1974 में सिरमौर जिले के सुकेती में एशिया का पहला शिवालिक फॉसिल पार्क स्थापित किया गया था. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित इस पार्क की विशेषता यह है कि जो फॉसिल इस जगह पर मिले हैं, उन्हें ही यहां संग्रहित किया गया है. जियोलॉजिकल सर्वेक्षण इस पार्क की व्यवस्था देख रहा है. दरअसल इस फॉसिल पार्क में जहां संग्रहालय में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं. वहीं, साथ ही उनका इतिहास भी लिखा गया है. इसके अलावा लाखों वर्ष पूर्व यहां पाए जाने वाले जीव जंतुओं के फाइबर ग्लास मॉडल्स भी बनाए गए हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ जिसमें हिमाचल, पंजाब व हरियाणा आते हैं, सुकेती फॉसिल पार्क इन्हीं के संरक्षण में यहां चल रहा है.

जिओ टूरिज्म के तौर पर किया जाएगा विकसित
जिओ टूरिज्म के तौर पर किया जाएगा विकसित

सुकेती फॉसिल पार्क का 90 जियोलॉजिकल साइट में चयन: अब सुकेती शिवालिक फॉसिल पार्क को 90 जियोलॉजिकल साइट में चयनित किया गया है. ऐसे में जियोलॉजिकल सर्वेक्षण इस पार्क को जियो टूरिस्म के तौर पर विकसित करने जा रहा है. इसके चलते यहां पर रिसर्च व स्टडी इत्यादि की जा सकेगी. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित यह पार्क हरियाणा व हिमाचल की सीमा पर कालाअंब से 6 किलोमीटर दूर सुकेती में स्थित है. अधिकांश लोग पार्क देखने पहुंचते हैं. सुकेती को जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित करने से यहां पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी और रोजगार सृजन भी हो सकेगा.

इस फॉसिल पार्क में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं.
इस फॉसिल पार्क में पुरातत्व अवशेष संग्रहित किए गए हैं.

जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाएगा पार्क: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ के उप महानिदेशक डॉ. घनश्याम तिवारी ने बताया कि शिवालिक पहाड़ियों में स्थित सुकेती फॉसिल पार्क एशिया का अपनी तरह का पहला पार्क है, जहां पर यहीं पाए जाने वाले जीवों के मॉडल्स बनाकर रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि इस पार्क को 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल किया गया है. इसके चलते यहां पर अब और अधिक विकास किया जा सकेगा. यह स्थान रिसर्च के लिए भी उपयोग होगा. साथ ही इसे जियो टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाएगा और यहां पार्क का संवर्धन व सरंक्षण अच्छे ढंग से होगा.

एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल
एशिया का पहला फॉसिल पार्क 90 जियोलॉजिकल साइट में शामिल

क्या कहते हैं फॉसिल पार्क में आए लोग: वहीं, सुकेती फॉसिल पार्क में घूमने आए विद्यार्थियों ने बताया कि इस स्थान पर हमें अपने इतिहास को देखने का मौका मिलता है. कई प्रकार की जानकारियां भी हासिल होती है. यह उनके लिए बहुत काम आएगा. उधर कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ आई शिक्षिका ने बताया कि वह अपने छात्रों को यहां पर शैक्षणिक विजिट पर लाई हैं, ताकि पुरातत्व के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें. वहीं, महिला पर्यटक ने बताया कि यहां पर हमें पुरातत्व के बारे संपूर्ण जानकारी मिलती है. यह एक महत्वपूर्ण स्थल है. कुल मिलाकर सुकेती फॉसिल पार्क अब जियोलॉजिकल साइट सूची में आ गया है और जल्द ही यहां पर अनेक विकास कार्य शुरू होंगे. इससे यह जियो टूरिज्म स्थल के तौर पर भी विकसित होगा.

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