प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी शाइस्ता परवीन को एक तरफ जहां पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है. वहीं पुलिस अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की बीवी जैनब फातिमा को भी नहीं तलाश पा रही है. जहां, पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है, वहीं जैनब को भी वांटेड घोषित कर दिया गया है. प्रयाजराज से लेकर बरेली पुलिस तक अशरफ की बीवी की तलाश जारी है. लेकिन 15 मार्च तक मीडिया के सामने आकर बयान देने वाली जैनब फातिमा को भी पुलिस नहीं पकड़ सकी है.
24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में हुए तिहरे हत्याकांड में मृतक उमेश पाल की पत्नी ने अतीक अशरफ और अतीक के बेटों के साथ ही कई नामजद व अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच के दौरान अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा को भी इस तिहरे हत्याकांड में मददगारों के साथ ही साजिश रचने का आरोपी बनाया है. तिहरे हत्याकांड में जैलब फातिमा का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन तब तक वह फरार हो चुकी थी.
उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को नामजद आरोपी बनाया गया था.लेकिन उस मुकदमें में अशरफ की पत्नी जैनब को नामजद आरोपी नहीं बनाया गया था.जबकि कई अज्ञात मददगारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पुलिस की जांच में सामने आया कि जैनब को भी पूरे घटना की साजिश की जानकारी थी. इसी के साथ उसने हत्याकांड के बाद आरोपियों को बचाने से लेकर उन्हें फरार होने तक में मदद की है. यही नहीं शूटरों की मदद करने के साथ ही उनको रकम देने की भी जानकारी पुलिस को मिली है. इसके अलावा बरेली जेल में बंद रहे अशरफ से गैरकानूनी तरीके से अंदर आने-जाने में मदद करने का आरोप भी है. जैनब के खिलाफ मिली इन जानकारियों की सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने जनब की तलाश शुरू की. लेकिन तब तक जैनब को इस बात की भनक लग चुकी थी कि पुलिस टीम उसको तलाश रही है. जिसके बाद अपराधियों की मददगार बन चुकी जैनब फरार हो गयी.
वांटेड होने के बाद से फरार हुई जैनब
सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड के बाद जैनब कोर्ट से लेकर मीडिया तक के सामने आकर अपने परिवार वालों की पैरवी कर रही थी. उमेश पाल हत्याकांड के बाद 15 मार्च को प्रेस कांफ्रेस करके अपने जैनब ने पति अशरफ और अतीक अहमद को बेकसूर बताया था. जैनब का कहना था कि उसके पति और जेठ तो जेल में बंद थे, उनका उमेश पाल हत्याकांड से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही जैनब ने अशरफ और अतीक की जान को पुलिस से भी खतरा बताया था. पुलिस पर अपने भाई और मायके वालों को भी बेवजह परेशान करने का आरोप भी लगाया था. इसी बीच जब अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था तो जैनब और अन्य महिलाएं वकील विजय मिश्रा के साथ पुलिस के काफिले के पीछे प्रयागराज तक आयी थी. यही नहीं जैनब अपने वकील के साथ ही बरेली जेल से प्रयागराज तक पुलिस के काफिले के साथ आयी थी. 15 मार्च के बाद से ही जैनब फातिमा का पुलिस कोई पता नहीं लगा सकी है. जिसके बाद पुलिस ने जैनब को वांटेड घोषित कर दिया. इसी के साथ उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी कई तरह जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस जैब की तलाश कर रही है.
जैनब के भाई पर 1 लाख का इनाम घोषित
उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ की पत्नी ही नहीं उसके भाई के शामिल होने की भी जानकारी पुलिस को मिली है. जैनब के भाई सद्दाम पर अशरफ से अवैध तरीके से जेल में मिलाई करने और दूसरे लोगों की मिलाई करवाने का आरोप है. शूटरों को भी बरेली जेल में अवैध तरीके से अशरफ से मिलवाने का काम सद्दाम करवाता था. सद्दाम पर अतीक-अशरफ के आर्थिक साम्राज्य को संभालने का भी आरोप है. सद्दाम के बारे में कहा जाता है कि वो अतीक-अशरफ का विदेशों में जो कारोबार है, उसे संभालता था. अतीक की अवैध कमाई के बारे में काफी हद तक सद्दाम को जानकारी भी है. पुलिस सद्दाम से अतीक अशरफ और उनकी अवैध कमाई से जुड़ी तमाम जानकरियां हासिल करना चाहती है. जिस वजह से बरेली पुलिस के साथ ही प्रयागराज पुलिस और यूपी एसटीएफ भी उसकी तलाश कर रही है.
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