नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जारी समन के खिलाफ राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. 13 दिसंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट के समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया था.
सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि मानहानि का मामला इसलिए बनता है क्योंकि शेखावत का नाम एफआईआर में नहीं है. शेखावत का नाम चार्जशीट में भी नहीं था. उन्होंने कहा था कि गहलोत का बयान राज्य के गृह मंत्री के रूप में दिया गया था. जो बयान गहलोत ने सदन में दिया था वह राज्य के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक था. ऐसे में गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला नहीं बनता है.
इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पेश वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि केस डायरी से छेड़छाड़ की गई थी. 6 जुलाई को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर अशोक गहलोत को समन जारी किया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के इसी आदेश को गहलोत ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी. दिल्ली पुलिस ने 25 मई को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था.
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इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है. जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपी नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए. शेखावत की याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है.
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी को-आपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली गई. इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को.
एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी को-आपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है. गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए. शेखावत की याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की है जिसका न तो वो और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है.