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आषाढ़ी एकादशी: नांदेड़ के एक भक्त ने विट्ठल रुक्मिणी को स्वर्ण मुकुट भेंट किया, कीमत एक करोड़ रुपये

आषाढ़ी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. नांदेड़ के एक भक्त ने विट्ठल रुक्मिणी को सोने का मुकुट भेंट किया है. कोरोना के कारण दो साल बाद विट्ठल के भक्त विट्ठल के दर्शन कर सकेंगे.

Pandharpur Solapur
आषाढ़ी एकादशी
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Published : Jul 10, 2022, 6:58 AM IST

सोलापुर : पंढरी में दो साल के कोरोना के बाद आषाढ़ी एकादशी धूमधाम से मनाई जा रही है. इस साल आषाढ़ी एकादशी को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. प्रशासन का अनुमान है कि करीब 15 लाख श्रद्धालु प्रवेश करेंगे. पांडुरंग को गरीबों के देवता के रूप में जाना जाता है. ताल मृदुंगा की निगाहों में मुखी विथु मौली का नाम लेकर हर साल श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ वारी आते हैं. विठ्ठल के दर्शन करने आने वाले भक्तों को विट्ठल के प्रति अपने प्रेम का इजहार करने का अवसर कई वर्षों से मिलता आ रहा है. नांदेड़ के एक भक्त ने विट्ठल रुक्मिणी को सोने का मुकुट (विट्ठल रुक्मिणी) भेंट किया है.

पढ़ें: बीजेपी के होर्डिंग में भगवान विट्ठल से बड़ी है पीएम मोदी की तस्वीर : NCP

श्री विट्ठल रुक्मिणी को 2.5 किलोग्राम सोने का मुकुट भेंट किया गया. आषाढ़ी एकादशी के दिन नांदेड़ जिले के उमरी के भक्त विजयकुमार उत्तरवार ने श्री विट्ठल और माता रुक्मिणी को स्वर्ण मुकुट भेंट किया है. विजयकुमार उत्तरवार उमरी के सोने-चांदी के व्यापारी हैं. अब विट्ठल के गहनों में एक करोड़ रुपये का सोने का मुखौटा जोड़ा गया है. यात्रा के लिए सजाए गए पंढरी - आषाढ़ी यात्रा के लिए पंढरी को सजाया गया है. शनिवार को सभी पालकी पंढरपुर पहुंच गई.

रविवार को आषाढ़ी एकादशी है, जिसके लिए पंढरती लगभग शुरू हो चुकी है. वारकरी आलंदी और देहू से पंढरपुर में प्रवेश कर रहे हैं. वह नामदेव पयारी के साथ अपने विथुरया के दर्शन भी करेंगे. साथ ही चंद्रभागा में वारकरियों की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की एक टीम को तैनात किया गया है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को श्री विट्ठल-रुक्मणी की आधिकारिक महापूजा के लिए पहुंचे. अलंदी और देहू से लाखों वारकरी अब पंढरपुर पहुंच चुके हैं. वारकरी अब चंद्रभागा में स्नान कर नामदेव की ओर बढ़ रहे हैं. विथुरया से मिलने की आशा को ध्यान में रखते हुए ये वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे हैं.

पढ़ें: पीएम मोदी ने पुणे में शिला मंदिर का किया उद्घाटन, बोले- संत तुकाराम के अभंगों ने पीढ़ियों को प्रेरणा दी

मुख्यमंत्री के हाथों शासकीय महापूजा- आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विट्ठल-रुक्मणी की आधिकारिक महापूजा करने शनिवार रात पंढरपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री शिंदे रविवार को श्री विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में सप्तनिक शासकीय महा पूजा करेंगे. वह सुबह 5.30 बजे विट्ठल मंदिर के आसपास इस्कॉन अंतरराष्ट्रीय मंदिर का भूमि पूजन, सुबह 5.45 बजे वे नाडी घाट के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आषाढ़ी वारी के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रंजीत सिंह नाइक निंबालकर के माध्यम से वारकरी और विट्ठल भक्तों को शुभकामनाएं भेजी हैं. संत श्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज और संत श्रेष्ठ तुकाराम महाराज के पालकी समारोह के अवसर पर लाखों वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे. प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वह आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं देते हैं.

सोलापुर : पंढरी में दो साल के कोरोना के बाद आषाढ़ी एकादशी धूमधाम से मनाई जा रही है. इस साल आषाढ़ी एकादशी को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. प्रशासन का अनुमान है कि करीब 15 लाख श्रद्धालु प्रवेश करेंगे. पांडुरंग को गरीबों के देवता के रूप में जाना जाता है. ताल मृदुंगा की निगाहों में मुखी विथु मौली का नाम लेकर हर साल श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ वारी आते हैं. विठ्ठल के दर्शन करने आने वाले भक्तों को विट्ठल के प्रति अपने प्रेम का इजहार करने का अवसर कई वर्षों से मिलता आ रहा है. नांदेड़ के एक भक्त ने विट्ठल रुक्मिणी को सोने का मुकुट (विट्ठल रुक्मिणी) भेंट किया है.

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श्री विट्ठल रुक्मिणी को 2.5 किलोग्राम सोने का मुकुट भेंट किया गया. आषाढ़ी एकादशी के दिन नांदेड़ जिले के उमरी के भक्त विजयकुमार उत्तरवार ने श्री विट्ठल और माता रुक्मिणी को स्वर्ण मुकुट भेंट किया है. विजयकुमार उत्तरवार उमरी के सोने-चांदी के व्यापारी हैं. अब विट्ठल के गहनों में एक करोड़ रुपये का सोने का मुखौटा जोड़ा गया है. यात्रा के लिए सजाए गए पंढरी - आषाढ़ी यात्रा के लिए पंढरी को सजाया गया है. शनिवार को सभी पालकी पंढरपुर पहुंच गई.

रविवार को आषाढ़ी एकादशी है, जिसके लिए पंढरती लगभग शुरू हो चुकी है. वारकरी आलंदी और देहू से पंढरपुर में प्रवेश कर रहे हैं. वह नामदेव पयारी के साथ अपने विथुरया के दर्शन भी करेंगे. साथ ही चंद्रभागा में वारकरियों की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की एक टीम को तैनात किया गया है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को श्री विट्ठल-रुक्मणी की आधिकारिक महापूजा के लिए पहुंचे. अलंदी और देहू से लाखों वारकरी अब पंढरपुर पहुंच चुके हैं. वारकरी अब चंद्रभागा में स्नान कर नामदेव की ओर बढ़ रहे हैं. विथुरया से मिलने की आशा को ध्यान में रखते हुए ये वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे हैं.

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मुख्यमंत्री के हाथों शासकीय महापूजा- आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विट्ठल-रुक्मणी की आधिकारिक महापूजा करने शनिवार रात पंढरपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री शिंदे रविवार को श्री विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में सप्तनिक शासकीय महा पूजा करेंगे. वह सुबह 5.30 बजे विट्ठल मंदिर के आसपास इस्कॉन अंतरराष्ट्रीय मंदिर का भूमि पूजन, सुबह 5.45 बजे वे नाडी घाट के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आषाढ़ी वारी के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रंजीत सिंह नाइक निंबालकर के माध्यम से वारकरी और विट्ठल भक्तों को शुभकामनाएं भेजी हैं. संत श्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज और संत श्रेष्ठ तुकाराम महाराज के पालकी समारोह के अवसर पर लाखों वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे. प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वह आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं देते हैं.

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