मुंबई: आर्यन खान ड्रग मामले की जांच के दौरान अवैध संपत्ति जमा करने के मामले में मुंबई सीबीआई ने एनसीबी के तत्कालीन अधिकारी समीर वानखेड़े की जांच शुरू कर दी है. समीर वानखेड़े ने भी गिरफ्तारी से सुरक्षा पाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस संबंध में हाईकोर्ट ने उन्हें आठ जून तक गिरफ्तारी से राहत दी है. हालांकि, केंद्रीय अपराध जांच एजेंसी आज तीन जून को हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल करेगी.
इसमें कहा गया है कि सीबीआई इस बात पर अड़ी है कि समीर वानखेड़े के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में लगाए गए आरोप न्यायसंगत और वैध हैं. साथ ही सीबीआई ने हलफनामे में इस बात पर जोर दिया है कि एफआईआर भी वैध है. आर्यन खान ड्रग केस में समीर दाऊद वानखेड़े पर आर्यन खान को रिहा करने के लिए 25 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है. समीर वानखेड़े इससे इनकार करते हैं. एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके पास बेहिसाब संपत्ति है.
इस संबंध में जब पिछले सप्ताह हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने सीबीआई को 3 जून को लिखित हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इसके मुताबिक, अपने लिखित हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि एफआईआर दर्ज की गई है. समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई वैध है. साथ ही, उसके आधार पर, उच्च न्यायालय में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया तथ्यों पर आधारित हैं.'
सीबीआई की ओर से पेश वकील कुलदीप पाटिल ने ईटीवी भारत से कहा कि सीबीआई अपने स्टैंड पर कायम है. सीबीआई ने आर्यन खान पर ड्रग मामलों और समीर दाऊद वानखेड़े द्वारा जमा की गई बेहिसाब संपत्ति में आर्यन खान को रिहा करने के लिए फिरौती मांगने का भी आरोप लगाया है. इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और एक जांच भी शुरू की गई है. इस प्राथमिकी को रद्द करने को लेकर समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट में नाम लिया था. लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें इस संबंध में राहत नहीं दी है. केवल उन्हें 8 जून तक गिरफ्तारी से बचाया गया है.
केंद्रीय आपराधिक जांच एजेंसी की ओर से शनिवार को एक लिखित हलफनामा पेश किया गया, जिसमें वह अपनी स्थिति पर कायम हैं. अब समीर दाऊद वानखेड़े 7 जून को अपना लिखित हलफनामा जमा करना चाहता है और हाईकोर्ट ने सुनवाई 8 जून तय की है.