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एपीसीएसयू ने की अरुणाचल के नामसाई जिले में चकमा समुदाय की जनगणना की निंदा - एपीसीएसयू

अरुणाचल प्रदेश चकमा छात्र संघ ने नामसाई जिले में चकमा समुदाय के लोगों की जनगणना का विरोध किया है. एपीसीएसयू (APCSU) ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के चकमा और हाजोंग ऐसी किसी भी अवैध जनगणना में भाग नहीं लेंगे.

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Published : Mar 28, 2022, 4:14 PM IST

नई दिल्ली/दियुन : अरुणाचल प्रदेश चकमा छात्र संघ (APCSU) ने प्रदेश के नामसाई जिले में केवल चोंगखम सर्कल के चकमा की प्रस्तावित अवैध जनगणना की निंदा की है. नामसाई की अतिरिक्त सहायक आयुक्त (ईएसी) सुश्री रानी परमे ने इस संबंध में 24 मार्च को निर्देश जारी किए थे. एपीसीएसयू ने कहा कि ईएसी रानी परमे ने सिर्फ चकमा समुदाय की जनगणना करने का यह दूसरी बार प्रयास किया है, इस तरह का प्रयास नस्लीय प्रोफाइलिंग के बराबर है.

एपीसीएसयू का कहना है कि इससे पहले पिछले महीने रानी परमे ने चकमा गांवों में जनगणना करने का निर्देश दिया था. जब प्रयास विफल हो गया तो उन्होंने 23 फरवरी को सुबह 11 बजे चोंगकम सर्कल के तहत चकमा निवासियों के सर्वेक्षण के लिए सुशील चकमा और 10 अन्य लोगों को बुलाया. एपीसीएसयू का आरोप है कि उस बैठक में चकमा लोगों को कथित रूप से धमकाया गया और सर्वेक्षण में सहयोग करने के लिए कहा गया.

एपीसीएसयू के अध्यक्ष रूप सिंह चकमा ने कहा कि अतिरिक्त सहायक आयुक्त का परिपत्र राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आदेश का उल्लंघन करता है. एनएचआरसी ने गृह सचिव और मुख्य सचिव से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. अरुणाचल प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि चकमा और हाजोंग के मानवाधिकार सभी तरीकों से संरक्षित हैं. रूप सिंह चकमा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के चकमा और हाजोंग ऐसी किसी भी अवैध जनगणना में भाग नहीं लेंगे.

पढ़ें- 'मासिक धर्म' पर बीजेपी विधायक की टिप्पणी से पार्टी साथी भी नाराज

नई दिल्ली/दियुन : अरुणाचल प्रदेश चकमा छात्र संघ (APCSU) ने प्रदेश के नामसाई जिले में केवल चोंगखम सर्कल के चकमा की प्रस्तावित अवैध जनगणना की निंदा की है. नामसाई की अतिरिक्त सहायक आयुक्त (ईएसी) सुश्री रानी परमे ने इस संबंध में 24 मार्च को निर्देश जारी किए थे. एपीसीएसयू ने कहा कि ईएसी रानी परमे ने सिर्फ चकमा समुदाय की जनगणना करने का यह दूसरी बार प्रयास किया है, इस तरह का प्रयास नस्लीय प्रोफाइलिंग के बराबर है.

एपीसीएसयू का कहना है कि इससे पहले पिछले महीने रानी परमे ने चकमा गांवों में जनगणना करने का निर्देश दिया था. जब प्रयास विफल हो गया तो उन्होंने 23 फरवरी को सुबह 11 बजे चोंगकम सर्कल के तहत चकमा निवासियों के सर्वेक्षण के लिए सुशील चकमा और 10 अन्य लोगों को बुलाया. एपीसीएसयू का आरोप है कि उस बैठक में चकमा लोगों को कथित रूप से धमकाया गया और सर्वेक्षण में सहयोग करने के लिए कहा गया.

एपीसीएसयू के अध्यक्ष रूप सिंह चकमा ने कहा कि अतिरिक्त सहायक आयुक्त का परिपत्र राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आदेश का उल्लंघन करता है. एनएचआरसी ने गृह सचिव और मुख्य सचिव से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. अरुणाचल प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि चकमा और हाजोंग के मानवाधिकार सभी तरीकों से संरक्षित हैं. रूप सिंह चकमा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के चकमा और हाजोंग ऐसी किसी भी अवैध जनगणना में भाग नहीं लेंगे.

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