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भारत-नेपाल सीमा पर काली नदी में बनी बड़ी झील, मंडरा रहा बड़ा खतरा

नेपाल के कालागाड़ में भारी बारिश के कारण सोमवार को पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरक कर बरसाती नाले में गिर गया था, जिसकी वजह से काली नदी का प्रवाह रुक गया और वहां एक झील बन गई है. ये झील पिथौरागढ़ जिले के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है.

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Published : Aug 31, 2021, 7:07 PM IST

Updated : Aug 31, 2021, 7:13 PM IST

पिथौरागढ़ : आसमानी आफत ने भारत-नेपाल बॉर्डर के जुम्मा गांव के साथ ही नेपाल में भी जमकर तबाही मचाई है. नेपाल के कालागाड़ में बरसाती नाले से आए भारी मलबे ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया है. नेपाल की ओर से हुए भारी भूस्खलन के कारण काली नदी में बड़ी झील बन गई है, जिसने एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है. अगर ये झील टूटती है तो धारचूला और जौलजीबी समेत निचले इलाकों को खतरा हो सकता है.

सोमवार सुबह हुई भारी बारिश ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर जमकर कहर बरपाया है. नेपाल की ओर से कालागाड़ की पहाड़ी दरकने से काली नदी का प्रवाह रुक गया है. जिसके चलते इस स्थान पर झील बन गयी है, जो बड़ी तबाही का कारण बन सकती है.

पढ़ें- उत्तराखंड के धारचूला में फटा बादल : अब तक दो शव बरामद, कई लोग लापता, देखें वीडियो

झील बनने से एनएचपीसी कॉलोनी में जलभराव हो गया है, साथ ही दर्जनों मकानों में मलबा और पानी घुस गया है. यही नहीं तीन वाहन भी बह गए हैं. काली नदी का जलस्तर बढ़ने से बीआरओ का क्रशर प्लांट और हट्स भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बीआरओ कर्मी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बचाव में जुटे रहे. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भू-वैज्ञानिकों की टीम द्वारा झील क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे ही कार्रवाई की जाएगी.

पिथौरागढ़ : आसमानी आफत ने भारत-नेपाल बॉर्डर के जुम्मा गांव के साथ ही नेपाल में भी जमकर तबाही मचाई है. नेपाल के कालागाड़ में बरसाती नाले से आए भारी मलबे ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया है. नेपाल की ओर से हुए भारी भूस्खलन के कारण काली नदी में बड़ी झील बन गई है, जिसने एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है. अगर ये झील टूटती है तो धारचूला और जौलजीबी समेत निचले इलाकों को खतरा हो सकता है.

सोमवार सुबह हुई भारी बारिश ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर जमकर कहर बरपाया है. नेपाल की ओर से कालागाड़ की पहाड़ी दरकने से काली नदी का प्रवाह रुक गया है. जिसके चलते इस स्थान पर झील बन गयी है, जो बड़ी तबाही का कारण बन सकती है.

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झील बनने से एनएचपीसी कॉलोनी में जलभराव हो गया है, साथ ही दर्जनों मकानों में मलबा और पानी घुस गया है. यही नहीं तीन वाहन भी बह गए हैं. काली नदी का जलस्तर बढ़ने से बीआरओ का क्रशर प्लांट और हट्स भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बीआरओ कर्मी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बचाव में जुटे रहे. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भू-वैज्ञानिकों की टीम द्वारा झील क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे ही कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Aug 31, 2021, 7:13 PM IST
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