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महाराष्ट्र : तलोजा जेल भेजे गए टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी

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Published : Nov 8, 2020, 6:17 PM IST

महाराष्ट्र पुलिस ने टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को रायगड जिले की तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया है. वहीं, अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने दावा किया कि उनके पति को आज सुबह तलोजा जेल ले जाने के दौरान महाराष्ट्र पुलिस द्वारा एक ब्लैक आउट पुलिस वैन में घसीटते हुए ले जाया गया.

arnab-goswami
अर्नब गोस्वामी

मुंबई: रिपब्लिक टीवी के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र के रायगड जिले की तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इससे पहले उन्हें मुंबई के अलीबाग स्कूल में अस्थायी रूप से रखा गया था.

रायगड पुलिस ने एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोस्वामी को चार नवंबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से उन्हें स्कूल परिसर में रखा गया था. इस स्कूल को कैदियों के लिए कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अलीबाग कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनैना पिंगले ने अर्नब गोस्वामी को 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है.

उनकी हिरासत की जगह बदले जाने की आलोचना करते हुए अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने दावा किया कि उनके पति को 'आज सुबह तलोजा जेल ले जाने के दौरान महाराष्ट्र पुलिस द्वारा एक ब्लैक आउट पुलिस वैन में घसीटते हुए ले जाया गया.'

उन्होंने कहा कि उनके पति ने बार-बार कहा कि 'उनकी जान को खतरा था' और जब उन्होंने जेलर से अपने वकीलों से मिलने देने की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई और मिलने से मना कर दिया गया.

सम्यब्रता ने अपने बयान में कहा, 'अर्नब (गोस्वामी) ने सार्वजनिक रूप से अपनी जिंदगी को खतरा बताया था और हिरासत में किए जा रहे अत्याचारों के बारे में कहा था, यदि मेरे पति को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए कानून और व्यवस्था के अधिकारियों और पूरे राज्य और राष्ट्रीय मशीनरी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.'

वहीं, विपक्षी भाजपा के उपाध्यक्ष किरीट सोमैया जेल पहुंचे और गोस्वामी की उचित देखभाल और सुरक्षा की मांग की.

सोमैया ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'जेलर ने मुझे जेल में गोस्वामी का उत्पीड़न न करने का आश्वासन दिया और यदि आवश्यक हो तो उचित चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी.'

गोस्वामी को 5 मई, 2018 को अलीबाग में एक आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उसकी मां कुमुद नाइक की दोहरी आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस और रायगढ़ पुलिस की एक टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

एक सुसाइड नोट में नाइक ने गोस्वामी और दो अन्य लोगों फिरोज शेख और नितेश सारदा का नाम लिया था, जिन्होंने कथित रूप से व्यावसायिक सेवाओं के बाद 5 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया नहीं चुकाया था.

राजघाट पर धरना देने जा रहे भाजपा नेताओं को पुलिस ने रोका

वहीं, टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली के राजघाट पर धरना देने जा रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा और तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को रोक दिया और उन्हें ​हिरासत में ले लिया गया. भाजपा के दोनों नेताओं को पुलिस राजेंद्र नगर पुलिस थाने ले गई.

दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके मिश्रा ने कहा कि गोस्वामी के समर्थन में प्रदर्शन करने की योजना थी, जिन्हें महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा, 'देश में यह पहला मामला है जब न केवल एक पत्रकार की गिरफ्तारी की गई है, बल्कि उसके परिवार के लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, वह भी केवल इसलिए कि उसने सरकार से सवाल किया है.'

यह भी पढ़ें- अर्नब की न्यायिक रिमांड से जुड़ी पुनर्विचार याचिका पर नौ नवंबर को होगी सुनवाई

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिश्रा एवं बग्गा समेत 23 लोगों को सुबह करीब साढ़े दस बजे हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उन्होंने आदेशों का उल्लंघन किया और राजघाट पर प्रदर्शन करने पर अड़े हुए थे.

मुंबई: रिपब्लिक टीवी के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र के रायगड जिले की तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इससे पहले उन्हें मुंबई के अलीबाग स्कूल में अस्थायी रूप से रखा गया था.

रायगड पुलिस ने एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोस्वामी को चार नवंबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से उन्हें स्कूल परिसर में रखा गया था. इस स्कूल को कैदियों के लिए कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अलीबाग कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनैना पिंगले ने अर्नब गोस्वामी को 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है.

उनकी हिरासत की जगह बदले जाने की आलोचना करते हुए अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने दावा किया कि उनके पति को 'आज सुबह तलोजा जेल ले जाने के दौरान महाराष्ट्र पुलिस द्वारा एक ब्लैक आउट पुलिस वैन में घसीटते हुए ले जाया गया.'

उन्होंने कहा कि उनके पति ने बार-बार कहा कि 'उनकी जान को खतरा था' और जब उन्होंने जेलर से अपने वकीलों से मिलने देने की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई और मिलने से मना कर दिया गया.

सम्यब्रता ने अपने बयान में कहा, 'अर्नब (गोस्वामी) ने सार्वजनिक रूप से अपनी जिंदगी को खतरा बताया था और हिरासत में किए जा रहे अत्याचारों के बारे में कहा था, यदि मेरे पति को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए कानून और व्यवस्था के अधिकारियों और पूरे राज्य और राष्ट्रीय मशीनरी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.'

वहीं, विपक्षी भाजपा के उपाध्यक्ष किरीट सोमैया जेल पहुंचे और गोस्वामी की उचित देखभाल और सुरक्षा की मांग की.

सोमैया ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'जेलर ने मुझे जेल में गोस्वामी का उत्पीड़न न करने का आश्वासन दिया और यदि आवश्यक हो तो उचित चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी.'

गोस्वामी को 5 मई, 2018 को अलीबाग में एक आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उसकी मां कुमुद नाइक की दोहरी आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस और रायगढ़ पुलिस की एक टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

एक सुसाइड नोट में नाइक ने गोस्वामी और दो अन्य लोगों फिरोज शेख और नितेश सारदा का नाम लिया था, जिन्होंने कथित रूप से व्यावसायिक सेवाओं के बाद 5 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया नहीं चुकाया था.

राजघाट पर धरना देने जा रहे भाजपा नेताओं को पुलिस ने रोका

वहीं, टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली के राजघाट पर धरना देने जा रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा और तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को रोक दिया और उन्हें ​हिरासत में ले लिया गया. भाजपा के दोनों नेताओं को पुलिस राजेंद्र नगर पुलिस थाने ले गई.

दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके मिश्रा ने कहा कि गोस्वामी के समर्थन में प्रदर्शन करने की योजना थी, जिन्हें महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा, 'देश में यह पहला मामला है जब न केवल एक पत्रकार की गिरफ्तारी की गई है, बल्कि उसके परिवार के लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, वह भी केवल इसलिए कि उसने सरकार से सवाल किया है.'

यह भी पढ़ें- अर्नब की न्यायिक रिमांड से जुड़ी पुनर्विचार याचिका पर नौ नवंबर को होगी सुनवाई

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिश्रा एवं बग्गा समेत 23 लोगों को सुबह करीब साढ़े दस बजे हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उन्होंने आदेशों का उल्लंघन किया और राजघाट पर प्रदर्शन करने पर अड़े हुए थे.

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