नई दिल्ली: भारत और चीन की सेनाओं ने आज पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में हटने प्रक्रिया पूरी कर ली है (India and China disengagement process). दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की स्थिति का सत्यापन भी पूरा कर लिया है. भारत और चीन के बीच गुरुवार (8 सितंबर) से पूर्वी लद्दाख के 'गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स' (Gogra Hot Springs) इलाके से सेनाओं को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
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Armies of India & China today completed disengagement process in Gogra Heights-Hot Springs area near Patrolling Point-15 in eastern Ladakh sector. The 2 sides have also completed verification of each others positions adapter pulling back troops from friction point: Govt Sources pic.twitter.com/rzu8jgPmv7
— ANI (@ANI) September 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 13, 2022Armies of India & China today completed disengagement process in Gogra Heights-Hot Springs area near Patrolling Point-15 in eastern Ladakh sector. The 2 sides have also completed verification of each others positions adapter pulling back troops from friction point: Govt Sources pic.twitter.com/rzu8jgPmv7
— ANI (@ANI) September 13, 2022
भारत और चीन की सेनाओं ने घोषणा की थी कि उन्होंने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स के 'पेट्रोलिंग प्वाइंट 15' से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर को सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई और आज इस क्षेत्र में पूरी हो गई. इस स्थान पर दोनों सेनाओं के बीच पिछले दो साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है. उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से लगभग एक सप्ताह पहले इलाके से पीछे हटने की घोषणा की गई थी.
सप्ताहांत में, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख में समग्र सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा की थी. सेना ने कहा कि जनरल पांडे ने क्षेत्र में तैनात अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत के अलावा अभ्यास देखा. इस अभ्यास में आर्टिलरी गन और अन्य प्रमुख हथियार प्रणालियों द्वारा परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया. जनरल मनोज पांडे ने लद्धाख का दौरा किया. जमीनी स्तर पर कमांडरों द्वारा ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी दृढ़ता और पेशेवर मानकों के लिए उनकी सराहना की थी.
दोनों पक्षों के बीच पिछली सैन्य वार्ता में पीपी-15 से जुड़े ज्यादातर मुद्दों को सुलझा लिया गया है. केवल मामूली मतभेद लंबित थे, जिन्हें बाद में दोनों पक्षों के बीच एक मेजर जनरल स्तर की बैठक में चर्चा के लिए लिया गया था.
गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया को एक बड़ी प्रगति के रूप में देखा गया है. लेकिन डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध में कोई प्रगति या समाधान नहीं हुआ है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा था कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 में प्रक्रिया सोमवार तक पूरी कर ली जाएगी.
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