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पूर्व सैनिकों की मांग- अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के दोषियों की सजा मिसाल बने - अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के दोषियों की सजा मिसाल बने

रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों के एक समूह ने रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रित जांच करने की मांग की है.

अगस्ता वेस्टलैंड
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Published : Nov 20, 2020, 10:19 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 10:26 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों के एक समूह ने शुक्रवार को मांग की कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रित जांच हो और इनकी सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालतों में हो.

एक बयान में उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में रिश्वत लेने के दोषी पाए जाने वालों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल बने. पूर्व सैनिकों ने दावा किया कि रक्षा सौदों में रिश्वत को सिर्फ भ्रष्टाचार के मामले के तौर पर नहीं देखा जा सकता बल्कि इसे व्यापक संदर्भों में आतंकवाद जैसे अन्य कृत्यों की तरह ही राष्ट्र विरोधी गतिविधि के तौर पर देखा जाना चाहिए.

बयान पर हस्ताक्षर करने वाले 78 लोगों में एयर मार्शल (अवकाश प्राप्त) एस पी सिंह, एयर मार्शल (अवकाश प्राप्त) दुष्यंत सिंह, वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) शेखर सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) वी के चतुर्वेदी और लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) अरविंद शर्मा शामिल हैं.

उन्होंने कहा, 'अगस्ता वेस्टलैंड मामले में घूस लेने के दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई महत्वपूर्ण है जो मिसाल बने जिससे इसके निरोधात्मक प्रभाव हों और भविष्य में ऐसे ही मामलों से निपटने के लिये यह नजीर के तौर पर देखी जाए.'

पढ़ें -अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : करीबियों का नाम आने पर जवाब दें सोनिया और राहुल

बयान में कहा गया कि सौदे में शामिल बिचौलियों के अलावा सरकार, नेताओं, उनके रिश्तेदार जिन्होंने रिश्वत ली या प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार से लाभान्वित हुए या किसी वजह से अनैतिक तरीकों के लिये जरिया बने, उन सभी को सजा मिलनी चाहिए.

पढ़ें - कर्नाटक में गोवध पर प्रतिबंध जल्द ही वास्तविकता होगा : भाजपा नेता

बयान में कुछ कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों के नामों का भी संदर्भ दिया गया है जिनका जिक्र कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के सत्ता में रहने के दौरान हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के दौरान हुआ है.

नई दिल्ली : रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों के एक समूह ने शुक्रवार को मांग की कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रित जांच हो और इनकी सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालतों में हो.

एक बयान में उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में रिश्वत लेने के दोषी पाए जाने वालों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल बने. पूर्व सैनिकों ने दावा किया कि रक्षा सौदों में रिश्वत को सिर्फ भ्रष्टाचार के मामले के तौर पर नहीं देखा जा सकता बल्कि इसे व्यापक संदर्भों में आतंकवाद जैसे अन्य कृत्यों की तरह ही राष्ट्र विरोधी गतिविधि के तौर पर देखा जाना चाहिए.

बयान पर हस्ताक्षर करने वाले 78 लोगों में एयर मार्शल (अवकाश प्राप्त) एस पी सिंह, एयर मार्शल (अवकाश प्राप्त) दुष्यंत सिंह, वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) शेखर सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) वी के चतुर्वेदी और लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) अरविंद शर्मा शामिल हैं.

उन्होंने कहा, 'अगस्ता वेस्टलैंड मामले में घूस लेने के दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई महत्वपूर्ण है जो मिसाल बने जिससे इसके निरोधात्मक प्रभाव हों और भविष्य में ऐसे ही मामलों से निपटने के लिये यह नजीर के तौर पर देखी जाए.'

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बयान में कहा गया कि सौदे में शामिल बिचौलियों के अलावा सरकार, नेताओं, उनके रिश्तेदार जिन्होंने रिश्वत ली या प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार से लाभान्वित हुए या किसी वजह से अनैतिक तरीकों के लिये जरिया बने, उन सभी को सजा मिलनी चाहिए.

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बयान में कुछ कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों के नामों का भी संदर्भ दिया गया है जिनका जिक्र कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के सत्ता में रहने के दौरान हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के दौरान हुआ है.

Last Updated : Nov 20, 2020, 10:26 PM IST
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