नई दिल्ली : इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारतीय रेलवे ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. विश्व के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज के दोनों सिरों की आर्च को सोमवार को जोड़ दिया गया. यह देश में अब तक का सबसे बड़ा रेलवे प्रोजेक्ट है. भारतीय रेलवे ने चिनाब नदी पर सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौतियों का सामना करते हुए आधे किलोमीटर लंबे आर्च ब्रिज का काम पूरा कर लिया है. यह आर्च ब्रिज दुनिया में सबसे ऊंचा रेलवे पुल माना जा रहा है, जोकि फ्रांस के एफिल टावर से 30 मीटर ऊंचा होगा.
2021 तक बनकर तैयार होगा ब्रिज
आधा किलोमीटर लंबा आर्च नदी के तल से 359 मीटर ऊपर चिनाब पुल पर बनाया गया है. इसे आज पुल के सबसे ऊंचे हिस्से में फिट किया गया. क्रेन की मदद से 5.3 मीटर लंबा मेटल के टुकड़े को पुल के शीर्ष पर रखा गया. हालांकि, आर्च पर अभी भी रेलवे ट्रैक बिछाए जाने का काम पूरा करना है. दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज इस साल दिसंबर 2021 तक बनकर तैयार होने की संभावना है.
इस रेल लिंक की तैयारी 2002 में शुरू हुई थी, लेकिन यह काम जुलाई 2017 में शुरू हुआ. उस समय के दौरान, इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2019 के अंत तक निर्धारित किया गया था, लेकिन 2018 में कॉन्ट्रैक्ट संबंधी दिक्कतों के चलते रुकावट आ गई और बाद में कोविड-19 महामारी के कारण भी काम ठप पड़ा रहा. लेकिन इस कार्य को पूरा करने के लिए अब 2021 दिसंबर तक का लक्ष्य रखा गया है.
जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेल सेवा होगी शुरू
आपको बता दें कि इस रेलवे पुल का काम पूरा हो जाने पर जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेल सेवा शुरू हो जाएगी. यह पुल 111 किमी लंबा रूट, जो कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन परियोजना का एक हिस्सा है. इस पुल को 21,653 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.
इस परियोजना में कुल 37 पुल हैं, जिसमें 26 मुख्य हैं और 11 अन्य के साथ 35 टनल शामिल हैं.
चिनाब ब्रिज की विशेषताएं
यह विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, जो चिनाब नदी तल के स्तर से 359 मीटर ऊपर है. यह पुल एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है और इस आर्च का कुल वजन 10,619 मीट्रिक टन है.
इस पुल के निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन स्टील निर्मित है. यह पुल भूकंप और तेज धमाकों में भी बिलकुल सुरक्षित रहेगा.
इस आर्च में स्टील के बक्से होंगे, जो पुल को स्थिरता प्रदान करने के लिए कंक्रीट से भरे होंगे.