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'अप्रैल फूल' पर बन चुकी है सुपर हिट फिल्म, आजादी के बाद से ही बड़े शहरों में था इसका चलन - अप्रैल फूल दिवस 2023

हमारे देश में अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा कब व कैसे शुरू हुयी, इसकी कोई जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं मिलती है. लेकिन आपको याद होगा कि इस थीम पर 1964 में फिल्म जरूर बन गयी थी. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह परंपरा इससे पहले से यहां चलन में रही होगी....

April Fools Day 2023 April Fool Movie in India
अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा
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Published : Mar 31, 2023, 4:29 AM IST

नई दिल्ली : आमतौर पर कहा जाता है कि अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा साल 1381 से तब शुरू हुयी जब इन दिन इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी ने अपनी सगाई का ऐलान करते हुए लोगों को एक जश्न मनाने का मौका दिया था. लेकिन इसकी खास बात यह थी कि इसके लिए उन्होंने सगाई की तारीख 32 मार्च सुनिश्चत कर दी. लोगों ने 31 मार्च के अगले दिन (अर्थात 1 अप्रैल को) राजा-रानी के लिए खास कहे जाने वाले इस मौके का जश्न मनाना शुरू कर दिया. काफी देर बाद लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ तब लोगों को लगा कि 32 मार्च जैसी कैलेंडर में कोई तारीख ही नहीं होती है.

April Fools Day 2023 April Fool Movie in India
अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा

बताया जाता है कि इस तरहा का जश्न मना रहे लोगों को काफी देर के बाद एहसास हुआ कि वे लोग बेवकूफ बना दिए गए हैं. इसके बाद से इस दिन को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाना शुरू कर दिया गया है.

वहीं एक मान्यता ये भी है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप ने फ्रांस में पुराने कैलेंडर को बदलने का फरमान सुना दिया था. उसकी जगह एक नया रोमन कैलेंडर लॉन्च करने की जानकारी भी सार्वजनिक करने का ऐलान किया गया, लेकिन चार्ल्स पोप के फरमान से अनजान बने बहुत सारे लोगों ने अपने पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही ये दिन बिताना शुरू किया. इसके बाद से फ्रांस में भी 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा.

इसी तरह जब अंग्रेज हमारे देश में आए तो यहां भी धीरे धीरे यह परंपरा फैल गयी और लोग 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया करते हैं. देश में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा कब व कैसे शुरू हुयी इसका कोई आधिकारिक प्रमाण तो नहीं मिलता है, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के बाद इसे आजादी के कुछ सालों बाद से ही मनाया जाने लगा था. हालांकि शुरुआती दौर में ये चलन सिर्फ बड़े शहरों में था, लेकिन धीरे-धीरे सोशल मीडिया व इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव से यह गांव-गांव तक पहुंच चुका है. अब इसे छोटे बड़े शहरों में मनोरंजन के लिए मनाया जाता है.

  • Another Suman kalyanpur duet with rafi, to celebrate her padma award. April fool with biswajeet and Saira Banu, had music by Shankar jaikishan, with lyrics by Hasrat. The movie was produced and directed by subodh Mukherjee. pic.twitter.com/reLCbNWlC8

    — Shekar Iyer (@SHEKARSUSHEEL) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको याद होगा कि इसी अप्रैल फूल थीम पर एक फिल्म भी साल 1964 में बनी थी, जिसमें विश्वजीत व सायरा बानो मुख्य कलाकार थे. अप्रैल फूल फिल्म के गाने काफी लोकप्रिय हुए थे.

इसे भी देखें...April Fools Day 2023: अप्रैल फूल दिवस मनाने के पीछे ये है उद्देश्य, आप भी उठाएं इसका आनंद

नई दिल्ली : आमतौर पर कहा जाता है कि अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा साल 1381 से तब शुरू हुयी जब इन दिन इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी ने अपनी सगाई का ऐलान करते हुए लोगों को एक जश्न मनाने का मौका दिया था. लेकिन इसकी खास बात यह थी कि इसके लिए उन्होंने सगाई की तारीख 32 मार्च सुनिश्चत कर दी. लोगों ने 31 मार्च के अगले दिन (अर्थात 1 अप्रैल को) राजा-रानी के लिए खास कहे जाने वाले इस मौके का जश्न मनाना शुरू कर दिया. काफी देर बाद लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ तब लोगों को लगा कि 32 मार्च जैसी कैलेंडर में कोई तारीख ही नहीं होती है.

April Fools Day 2023 April Fool Movie in India
अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा

बताया जाता है कि इस तरहा का जश्न मना रहे लोगों को काफी देर के बाद एहसास हुआ कि वे लोग बेवकूफ बना दिए गए हैं. इसके बाद से इस दिन को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाना शुरू कर दिया गया है.

वहीं एक मान्यता ये भी है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप ने फ्रांस में पुराने कैलेंडर को बदलने का फरमान सुना दिया था. उसकी जगह एक नया रोमन कैलेंडर लॉन्च करने की जानकारी भी सार्वजनिक करने का ऐलान किया गया, लेकिन चार्ल्स पोप के फरमान से अनजान बने बहुत सारे लोगों ने अपने पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही ये दिन बिताना शुरू किया. इसके बाद से फ्रांस में भी 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा.

इसी तरह जब अंग्रेज हमारे देश में आए तो यहां भी धीरे धीरे यह परंपरा फैल गयी और लोग 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया करते हैं. देश में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा कब व कैसे शुरू हुयी इसका कोई आधिकारिक प्रमाण तो नहीं मिलता है, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के बाद इसे आजादी के कुछ सालों बाद से ही मनाया जाने लगा था. हालांकि शुरुआती दौर में ये चलन सिर्फ बड़े शहरों में था, लेकिन धीरे-धीरे सोशल मीडिया व इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव से यह गांव-गांव तक पहुंच चुका है. अब इसे छोटे बड़े शहरों में मनोरंजन के लिए मनाया जाता है.

  • Another Suman kalyanpur duet with rafi, to celebrate her padma award. April fool with biswajeet and Saira Banu, had music by Shankar jaikishan, with lyrics by Hasrat. The movie was produced and directed by subodh Mukherjee. pic.twitter.com/reLCbNWlC8

    — Shekar Iyer (@SHEKARSUSHEEL) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको याद होगा कि इसी अप्रैल फूल थीम पर एक फिल्म भी साल 1964 में बनी थी, जिसमें विश्वजीत व सायरा बानो मुख्य कलाकार थे. अप्रैल फूल फिल्म के गाने काफी लोकप्रिय हुए थे.

इसे भी देखें...April Fools Day 2023: अप्रैल फूल दिवस मनाने के पीछे ये है उद्देश्य, आप भी उठाएं इसका आनंद

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