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आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला- सीआरडीए एक्ट के तहत अमरावती होगी राजधानी

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को सीआरडीए अधिनियम के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि विकास योजना को छह माह के भीतर पूरा किया जाए.

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट
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Published : Mar 3, 2022, 11:17 AM IST

Updated : Mar 3, 2022, 12:11 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने तीन राजधानियों और सीआरडीए रद्द करने की याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को सीआरडीए अधिनियम के अनुसार कार्य करना चाहिए. सीआरडीए अधिनियम में कहा गया कि सभी विकास कार्यों को 6 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. जिन किसानों को जमीन दी गई थी, उन्हें 3 महीने के भीतर विकसित भूखंडों को सभी सुविधाओं के साथ सौंपने का सुझाव दिया गया. साथ ही कहा कि विकास कार्यों की जानकारी समय-समय पर न्यायालय को देनी चाहिए.

बता दें कि वर्षो संघर्ष के बाद 2014 को तेलंगाना को आंध्रप्रदेश से अलग किया गया था. मनमोहन सिंह सरकार के इस फैसले के बाद आंध्रप्रदेश की राजधानी, हैदराबाद, तेलंगाना का हिस्सा बन गया. फिर आंध्रप्रदेश की नई राजधानी की तलाश शुरू हुई. हालांकि इस बीच तय हुआ कि दोनों राज्य दस वर्षो तक हैदराबाद को ही राजधानी के तौर पर बांटेंगे.

बंटवारे के बाद मार्च 2015 को आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने नई राजधानी का नाम अमरावती रखा था. 6 जून 2015 को अमरावती को बसाने के लिए कृष्णा नदी के किनारे भूमि पूजन किया गया. तब भारत के प्रधानमंत्री भी नए शहर की नींव रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 32,000 एकड़ जमीन ली थी. तब बताया गया था कि आंध्रप्रदेश की नई राजधानी बसाने के लिए सरकार के पास अब 50,000 एकड़ जमीन है. इसके लिए कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में किसानों की जमीन ली गई थी.

कुछ दिनों के बाद चुनाव में आंध्रप्रदेश में सरकार बदल गई. वहां वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी सीएम बने. नई सरकार ने जनवरी 2020 में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर राज्य के लिए 3 राजधानी बनाने की घोषणा की. अमरावती, विशाखापत्तनम और कुर्नूल. विशाखापट्टनम को कार्यकारी राजधानी बनाया गया. अमरावती विधायी राजधानी बनी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी कहा गया. जगन मोहन की सरकार ने तय किया कि मुख्यमंत्री का कार्यालय, राजभवन और सचिवालय समेत कई सरकारी दफ्तर विशाखापट्टनम में होंगे. अमरावती में विधानसभा होगी. इसके अलावा कुर्नूल में हाईकोर्ट होगा.

हालांकि राज्य भर में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 2021 में तीन राजधानियों के कानून को निरस्त करने का ऐलाना किया. इसके बाद यह तय हो गया कि अब आंध्र प्रदेश की सिर्फ एक राजधानी अमरावती होगी.

अमरावती: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने तीन राजधानियों और सीआरडीए रद्द करने की याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को सीआरडीए अधिनियम के अनुसार कार्य करना चाहिए. सीआरडीए अधिनियम में कहा गया कि सभी विकास कार्यों को 6 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. जिन किसानों को जमीन दी गई थी, उन्हें 3 महीने के भीतर विकसित भूखंडों को सभी सुविधाओं के साथ सौंपने का सुझाव दिया गया. साथ ही कहा कि विकास कार्यों की जानकारी समय-समय पर न्यायालय को देनी चाहिए.

बता दें कि वर्षो संघर्ष के बाद 2014 को तेलंगाना को आंध्रप्रदेश से अलग किया गया था. मनमोहन सिंह सरकार के इस फैसले के बाद आंध्रप्रदेश की राजधानी, हैदराबाद, तेलंगाना का हिस्सा बन गया. फिर आंध्रप्रदेश की नई राजधानी की तलाश शुरू हुई. हालांकि इस बीच तय हुआ कि दोनों राज्य दस वर्षो तक हैदराबाद को ही राजधानी के तौर पर बांटेंगे.

बंटवारे के बाद मार्च 2015 को आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने नई राजधानी का नाम अमरावती रखा था. 6 जून 2015 को अमरावती को बसाने के लिए कृष्णा नदी के किनारे भूमि पूजन किया गया. तब भारत के प्रधानमंत्री भी नए शहर की नींव रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 32,000 एकड़ जमीन ली थी. तब बताया गया था कि आंध्रप्रदेश की नई राजधानी बसाने के लिए सरकार के पास अब 50,000 एकड़ जमीन है. इसके लिए कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में किसानों की जमीन ली गई थी.

कुछ दिनों के बाद चुनाव में आंध्रप्रदेश में सरकार बदल गई. वहां वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी सीएम बने. नई सरकार ने जनवरी 2020 में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर राज्य के लिए 3 राजधानी बनाने की घोषणा की. अमरावती, विशाखापत्तनम और कुर्नूल. विशाखापट्टनम को कार्यकारी राजधानी बनाया गया. अमरावती विधायी राजधानी बनी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी कहा गया. जगन मोहन की सरकार ने तय किया कि मुख्यमंत्री का कार्यालय, राजभवन और सचिवालय समेत कई सरकारी दफ्तर विशाखापट्टनम में होंगे. अमरावती में विधानसभा होगी. इसके अलावा कुर्नूल में हाईकोर्ट होगा.

हालांकि राज्य भर में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 2021 में तीन राजधानियों के कानून को निरस्त करने का ऐलाना किया. इसके बाद यह तय हो गया कि अब आंध्र प्रदेश की सिर्फ एक राजधानी अमरावती होगी.

Last Updated : Mar 3, 2022, 12:11 PM IST
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