अमरावती: वाई एस जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने एक और विवादित फैसला लिया है. कैबिनेट ने विजयवाड़ा में एनटीआर आरोग्य विश्वविद्यालय का नाम बदलने के लिए रातोंरात ऑनलाइन मंजूरी दे दी है. आज सरकार एनटीआर हेल्थ यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर वाईएसआर हेल्थ यूनिवर्सिटी करने के लिए विधानसभा में संशोधन बिल पेश करेगी.
एनटीआर का मेडिकल यूनिवर्सिटी से गहरा नाता है. उनके प्रयासों में विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर राष्ट्रीय स्तर की मान्यता दिलाने तक शामिल है. उनकी मृत्यु के बाद, शासकों ने उनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखा. सीएम बदलने के बावजूद 24 साल से वही प्रतिष्ठा बरकरार है. वाईएस से कोई संबंध नहीं होने के बावजूद जगन सरकार के वाईएस का नाम लेने के फैसले की व्यापक रूप से आलोचना की गई है.
कहा जाता है कि इसे एनटीआर ने स्थापित किया था और एनटीआर ने ही इसे पहचान दिलाई. अब वे दुख जता रहे हैं कि वाईसीपी सरकार उनके नाम को बदलने का फैसला लिया है. जगन सरकार ने एनटीआर का नाम हटाने और इसे वाईएस के नाम से बदलने की व्यवस्था की है. उस समय, सभी राज्य मेडिकल कॉलेज संबंधित जिलों के विश्वविद्यालयों के अधीन थे. इनके माध्यम से छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.
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जब एनटीआर मुख्यमंत्री थे, तब यह तय हुआ था कि चिकित्सा शिक्षा के लिए एक अलग विश्वविद्यालय होना चाहिए. इसके साथ ही 1 नवंबर 1986 को एपी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के नाम से एक हेल्थ यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई. उसके बाद, चंद्रबाबू के शासन के दौरान 8 जनवरी 1996 को एक विशेष गजट अधिसूचना के माध्यम से विश्वविद्यालय का नाम बदलकर एनटीआर आरोग्य विश्वविद्यालय कर दिया गया.
वाईएस राजशेखररेड्डी के कार्यकाल में इसका नाम बदलकर डॉ. एनटीआर हेल्थ यूनिवर्सिटी कर दिया गया. अब जगन सरकार इसका नाम बदलकर वाईएसआर हेल्थ यूनिवर्सिटी करेगी.