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आंध्र प्रदेश में होगी पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना, विधानसभा में प्रस्ताव पारित

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Published : Nov 23, 2021, 5:37 PM IST

Updated : Nov 23, 2021, 8:21 PM IST

आंध्र प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना करने का अनुरोध किया गया है.

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अमरावती : आंध्र प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना करने का अनुरोध किया गया है.

इसके पहले तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly) ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र से 2021 की जनगणना में पिछड़े वर्गों की जाति-वार जनगणना (caste-wise census) कराने का आग्रह किया था.

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यह प्रस्ताव पेश कर कहा था कि देश की विभिन्न विधानसभाएं और राजनीतिक दल केंद्र से ऐसी जनगणना कराने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तेलंगाना की आबादी में 50 प्रतिशत लोग पिछड़े वर्ग से हैं और राज्य में आम राय है कि विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.

झारखंड विधानसभा ने 09 सितंबर 2021 को यह प्रस्ताव पारित किया था. वहीं, तेलंगाना विधानसभा ने यही प्रस्ताव 08 अक्टूबर 2021 को पारित किया. इसी तरह 08 जनवरी 2020 को महाराष्ट्र विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित हुआ. ओडिशा विधानसभा में 09 सितंबर 2021 को पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया.

28 फरलरी 2020 को बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से जाति के आधार पर 2021 की जनगणना कराने का अनुरोध किया. बिहार ने 18 फरवरी 2019 में पहली बार जाति के आधार पर जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित किया था.

पढ़ें :- जातिगत जनगणना और इसके नफा-नुकसान के बारे में जानिये

जानिए जातीय जनगणना क्या है ?

दरअसल देश में हर दस साल में होने वाली जनगणना के दौरान धार्मिक, शैक्षणिक, आर्थिक, आयु, लिंग आदि का जिक्र होता है साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों का भी आंकड़ा लिया जाता है लेकिन जाति आधारित आंकड़ा नहीं लिया जाता. कुछ सियासी दल मांग कर रहे हैं कि इस बार जनगणना जाति आधारित हो ताकि ये पता चल सके कि कितनी जातियां हैं और जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी कितनी है. इस सबमें सियासत की नजर सबसे ज्यादा ओबीसी यानि अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों और उनकी जनसंख्या पर है.

अमरावती : आंध्र प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना करने का अनुरोध किया गया है.

इसके पहले तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly) ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र से 2021 की जनगणना में पिछड़े वर्गों की जाति-वार जनगणना (caste-wise census) कराने का आग्रह किया था.

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यह प्रस्ताव पेश कर कहा था कि देश की विभिन्न विधानसभाएं और राजनीतिक दल केंद्र से ऐसी जनगणना कराने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तेलंगाना की आबादी में 50 प्रतिशत लोग पिछड़े वर्ग से हैं और राज्य में आम राय है कि विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.

झारखंड विधानसभा ने 09 सितंबर 2021 को यह प्रस्ताव पारित किया था. वहीं, तेलंगाना विधानसभा ने यही प्रस्ताव 08 अक्टूबर 2021 को पारित किया. इसी तरह 08 जनवरी 2020 को महाराष्ट्र विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित हुआ. ओडिशा विधानसभा में 09 सितंबर 2021 को पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया.

28 फरलरी 2020 को बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से जाति के आधार पर 2021 की जनगणना कराने का अनुरोध किया. बिहार ने 18 फरवरी 2019 में पहली बार जाति के आधार पर जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित किया था.

पढ़ें :- जातिगत जनगणना और इसके नफा-नुकसान के बारे में जानिये

जानिए जातीय जनगणना क्या है ?

दरअसल देश में हर दस साल में होने वाली जनगणना के दौरान धार्मिक, शैक्षणिक, आर्थिक, आयु, लिंग आदि का जिक्र होता है साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों का भी आंकड़ा लिया जाता है लेकिन जाति आधारित आंकड़ा नहीं लिया जाता. कुछ सियासी दल मांग कर रहे हैं कि इस बार जनगणना जाति आधारित हो ताकि ये पता चल सके कि कितनी जातियां हैं और जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी कितनी है. इस सबमें सियासत की नजर सबसे ज्यादा ओबीसी यानि अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों और उनकी जनसंख्या पर है.

Last Updated : Nov 23, 2021, 8:21 PM IST
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