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दहेज के लिए पत्नी को पीटने के आरोपी पति की जमानत पर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा

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Published : Jul 28, 2021, 5:48 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:45 PM IST

दहेज को लेकर अपनी पत्नी और ससुर की पिटाई करने वाले व्यक्ति की अग्रिम जमानत की याचिका पर केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

केरल हाई कोर्ट
केरल हाई कोर्ट

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी और ससुर की पिटाई करने के आरोपी शख्स द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

न्यायमूर्ति शिर्सी वी (Justice Shircy V ) ने लोक अभियोजक को मामले में निर्देश लेने को कहा और मामले पर सुनवाई की अगली तारीख पांच अगस्त निर्धारित की. 31 वर्षीय शख्स पर अपनी पत्नी का उत्पीड़न, उससे मारपीट करने और कथित तौर पर दहेज की मांग को लेकर अपने सुसर की पिटाई करने का आरोप है. अधिवक्ता सी ए चाको के माध्यम से दाखिल याचिका में आरोपी ने दावा किया कि वह निर्दोष है और उसने अपने पर लगे आरोपों से इनकार किया.

पुलिस के मुताबिक महिला के पति और सास-ससुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (दहेज उत्पीड़न), 323 (चोट पहुंचाना), 506 (डराना-धमकाना), 34 (साझा मंशा) तथा दहेज निषेध कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें - 'सम्पत्ति का नुकसान सदन में बोलने की स्वतंत्रता नहीं' : सुप्रीम कोर्ट

वहीं तिरुवनंतपुरम में केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ दहेज से संबंधित हिंसा को इस समस्या के विरुद्ध जागरूकता पैदा करके रोका जा सकता है तथा उन्होंने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी.

उन्होंने राज्य में दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामलों का जिक्र करते हुए विधानसभा में यह बात कही. उन्होंने कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दहेज प्रथा के खिलाफ हाल में रखा उपवास जागरूकता लाने का गांधीवादी तरीका है.

विजयन ने कहा कि 2011 से 2016 के बीच दहेज उत्पीड़न के कारण आत्महत्या समेत 100 मौत हुई तथा 2016 से 2021 तक इस अवधि में मौत की संख्या कम होकर 54 हो गयी. 2020 और 2021 में दहेज उत्पीड़न के कारण छह-छह मौत हुई. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस ऐसे प्रत्येक मामले की जांच कर रही है तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी और ससुर की पिटाई करने के आरोपी शख्स द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

न्यायमूर्ति शिर्सी वी (Justice Shircy V ) ने लोक अभियोजक को मामले में निर्देश लेने को कहा और मामले पर सुनवाई की अगली तारीख पांच अगस्त निर्धारित की. 31 वर्षीय शख्स पर अपनी पत्नी का उत्पीड़न, उससे मारपीट करने और कथित तौर पर दहेज की मांग को लेकर अपने सुसर की पिटाई करने का आरोप है. अधिवक्ता सी ए चाको के माध्यम से दाखिल याचिका में आरोपी ने दावा किया कि वह निर्दोष है और उसने अपने पर लगे आरोपों से इनकार किया.

पुलिस के मुताबिक महिला के पति और सास-ससुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (दहेज उत्पीड़न), 323 (चोट पहुंचाना), 506 (डराना-धमकाना), 34 (साझा मंशा) तथा दहेज निषेध कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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वहीं तिरुवनंतपुरम में केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ दहेज से संबंधित हिंसा को इस समस्या के विरुद्ध जागरूकता पैदा करके रोका जा सकता है तथा उन्होंने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी.

उन्होंने राज्य में दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामलों का जिक्र करते हुए विधानसभा में यह बात कही. उन्होंने कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दहेज प्रथा के खिलाफ हाल में रखा उपवास जागरूकता लाने का गांधीवादी तरीका है.

विजयन ने कहा कि 2011 से 2016 के बीच दहेज उत्पीड़न के कारण आत्महत्या समेत 100 मौत हुई तथा 2016 से 2021 तक इस अवधि में मौत की संख्या कम होकर 54 हो गयी. 2020 और 2021 में दहेज उत्पीड़न के कारण छह-छह मौत हुई. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस ऐसे प्रत्येक मामले की जांच कर रही है तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:45 PM IST
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