कर्नाटक : 1992 में अयोध्या राम मंदिर के लिए एक आंदोलन में कथित भागीदारी पर कर्नाटक पुलिस के एक हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी के खिलाफ बुधवार को बीजेपी ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया. हुबली और बेंगलुरू में शाहरा पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन किया गया और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाए. घटना के 31 साल बाद बीजेपी ने कार सेवकों के खिलाफ 'प्रतिशोध की राजनीति करने' के लिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
बता दें, पिछले दिनों कर्नाटक पुलिस ने 1992 में उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले हुए 31 साल पुराने दंगा मामले में हुबली के श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी 29 दिसंबर 2023 को हुई थी. श्रीकांत पुजारी पर दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद हुई हिंसा के दौरान मैसूर में दंगा करने का मामला दर्ज किया गया था.
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है. इस उद्घाटन समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह गिरफ्तारी हुआ है. बता दें, यह मंदिर वहीं खड़ा है जहां पहले बाबरी मस्जिद थी, जिसे 6 दिसंबर 1992 को हिंदू राष्ट्रवादियों की भीड़ ने तोड़ दिया था. इस घटना के बाद पूरे देश में मुस्लिम विरोधी दंगे भड़क उठे थे.
हुबली में पुलिस थाने को घेरने की कोशिश, आर अशोक, बेलाड और कई अन्य को हिरासत में लिया गया
वहीं हुबली में विपक्षी नेता आर.अशोक ने शहर पुलिस स्टेशन के सामने हिंदू नेता श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा की. इस दौरान आर. अशोक और विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इसी बीच नगर थाने का घेराव करने की कोशिश किए जाने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इससे पहले आर अशोक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम राम भक्तों की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं. गिरफ्तार हिंदू कार्यकर्ता को रिहा किया जाए. इंस्पेक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ भी केस चल रहा है. मुझे भी गिरफ्तार करो. अशोक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हार के डर से ऐसा कर रही है. हिंदुओं की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. नगर थाने का घेराव करने की कोशिश करने वाले 150 लोगों को हिरासत में ले लिया गया. इस संबंध में हुबली धारवाड़ पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.