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अंशु प्रकाश से मारपीट मामला : AAP के 11 विधायकों को बरी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई सुनवाई टाल दी है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी.

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Published : Jan 7, 2022, 8:11 PM IST

Anshu Prakash
अंशु प्रकाश

नई दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट की सेशंस कोर्ट ने मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को बरी करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने 11 जनवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

कोर्ट में आज अंशु प्रकाश की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें रखीं. कोर्ट ने आरोपियों की ओर से पेश वकीलों को सुनवाई की अगली तिथि को दलीलें रखने का आदेश दिया. बीते एक नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से बरी किए गए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था.

11 अगस्त 2021 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

पढ़ें :- दिल्ली मुख्य सचिव मारपीट केस: दस्तावेजों की प्रति 3 दिन में अरोपियो को सौंपने का निर्देश

इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

नई दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट की सेशंस कोर्ट ने मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को बरी करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने 11 जनवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

कोर्ट में आज अंशु प्रकाश की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें रखीं. कोर्ट ने आरोपियों की ओर से पेश वकीलों को सुनवाई की अगली तिथि को दलीलें रखने का आदेश दिया. बीते एक नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से बरी किए गए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था.

11 अगस्त 2021 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

पढ़ें :- दिल्ली मुख्य सचिव मारपीट केस: दस्तावेजों की प्रति 3 दिन में अरोपियो को सौंपने का निर्देश

इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

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