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धनशोधन मामले में ED के समन के खिलाफ HC पहुंचे देशमुख - मनी लॉन्ड्रिंग

मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हालांकि सुनवाई नहीं हो सकी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ ने बिना कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया.

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Published : Sep 2, 2021, 1:56 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी समन के खिलाफ गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उसे रद्द किए जाने का अनुरोध किया.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए यह याचिका आयी, लेकिन उन्होंने बिना कोई कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि सुनवाई के लिए इसे मेरी पीठ के समक्ष नहीं रखें. अब याचिका पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी.

ईडी के अनुसार, राज्य के गृह मंत्री के रूप में सेवा देते हुए, देशमुख ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न ‘बार’ और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए.

पांच बार तलब कर चुकी ईडी

देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षिक ट्रस्ट, 'श्री साईं शिक्षण संस्थान' में इस पैसे का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया. ईडी मामले में पूछताछ के लिए अभी तक पांच बार देशमुख को तलब कर चुकी है.

पढ़ें- देशमुख के खिलाफ जांच: रिश्चत लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक को गिरफ्तार किया

देशमुख ने समन के खिलाफ राहत मांगने और गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी समन के खिलाफ गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उसे रद्द किए जाने का अनुरोध किया.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए यह याचिका आयी, लेकिन उन्होंने बिना कोई कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि सुनवाई के लिए इसे मेरी पीठ के समक्ष नहीं रखें. अब याचिका पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी.

ईडी के अनुसार, राज्य के गृह मंत्री के रूप में सेवा देते हुए, देशमुख ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न ‘बार’ और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए.

पांच बार तलब कर चुकी ईडी

देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षिक ट्रस्ट, 'श्री साईं शिक्षण संस्थान' में इस पैसे का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया. ईडी मामले में पूछताछ के लिए अभी तक पांच बार देशमुख को तलब कर चुकी है.

पढ़ें- देशमुख के खिलाफ जांच: रिश्चत लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक को गिरफ्तार किया

देशमुख ने समन के खिलाफ राहत मांगने और गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

(पीटीआई-भाषा)

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