नई दिल्ली : जम्मू में आयोजित 'शांति सम्मेलन' में जुटे G-23 के नेताओं ने कांग्रेस की सोच और परंपरा की याद दिलाते हुए कहा कि उनका उद्देश्य पार्टी और देश की बेहतरी है.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, आज हम जहां हैं, वहां पहुंचने के लिए हम सभी ने बहुत लंबी दूरी तय की है. हम लोगों में से कोई खिड़की से नहीं आया है, हम सभी दरवाजे से आए हैं. हम छात्र आंदोलन, युवा आंदोलन के माध्यम से आए हैं.
आनंद शर्मा ने कहा कि ' मैंने किसी को यह बताने का अधिकार नहीं दिया कि हम कांग्रेस के लोग हैं या नहीं. हम पार्टी को मजबूत करेंगे, हम कांग्रेस की ताकत और एकता में विश्वास करते हैं.'
सिब्बल ने कहा, हमें एक साथ पार्टी को मजबूत करना है
वहीं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सच्चाई यह है कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं. यही वजह है कि हम यहां इकट्ठा हुए हैं. हम पहले भी इकट्ठे हुए थे और हमें एक साथ पार्टी को मजबूत करना है. सिब्बल ने कहा कि मतदाता कहीं के भी हों, उनकी समझ का सम्मान होना चाहिए.
संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी : गुलाम नबी
जम्मू में शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा ' मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ.'
उन्होंने कहा, आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तक यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.
इससे पहले कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग इसे G-23 कहते हैं, मैं इसे गांधी 23 कहता हूं. महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश का कानून और संविधान बना. इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है. 'G-23' चाहती है कि कांग्रेस मजबूत हो.
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बता दें, राहुल गांधी आज तमिलनाडु के दौरे पर हैं. यहां विधानसभा चुनाव होने हैं. उसी दौरान जी-23 का दर्जा प्राप्त पार्टी के असंतुष्ट नेता जम्मू में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं.
दरअसल, कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था. तभी से इन नेताओं के समूह को G-23 नाम से चर्चा मिली है.