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प्रधानमंत्री आवास योजना में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात टॉप तीन स्टेट

आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात शीर्ष तीन राज्य हैं जिन्हें 2021-22 में प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के तहत अधिकतम घरों की मंजूरी दी गई है. गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी देते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को 2,51,848 घरों के साथ उत्तर प्रदेश को 1,28,349 और गुजरात को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 85,172 घरों को मंजूरी दी गई है.

प्रधानमंत्री आवास योजना
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Published : Jul 22, 2022, 7:40 AM IST

Updated : Jul 22, 2022, 11:02 AM IST

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात शीर्ष तीन राज्य हैं जिन्हें 2021-22 में प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के तहत अधिकतम घरों की मंजूरी दी गई है. गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी देते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को 2,51,848 घरों के साथ उत्तर प्रदेश को 1,28,349 और गुजरात को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 85,172 घरों को मंजूरी दी गई है. वर्ष 2021-22 में भारत भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 9,78,475 घरों को मंजूरी दी गई थी. राजस्थान का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्ताव के आधार पर अब तक 2,66,692 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 1,69,409 जमीनी हैं और 1,37,470 पूर्ण हो चुके हैं और लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं.

पढ़ें: आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू ने जीता राष्ट्रपति चुनाव, मोदी-नड्डा, शाह, राजनाथ ने मुलाकात कर दी बधाई

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत 1.22 करोड़ घरों में से कुल 61 लाख पक्के घरों का निर्माण किया गया है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में गुरुवार को कहा कि पीएमएवाई-यू योजना के तहत जून 2015 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सहायता दी जा रही है. हरदीप पुरी ने कहा कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर 31 मार्च, 2022 तक 1.22 करोड़ घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई है. इनमें से 61.15 लाख घर पूर्ण हो चुके हैं या लाभार्थियों को सुपुर्द कर दिए गए हैं. 1.22 करोड़ स्वीकृत घरों में से 41 लाख घरों को पिछले दो वषरें में मंजूरी दी गई है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत घरों के निर्माण में तेजी लाने की सलाह दी गई है ताकि सभी घरों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके. यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है.

यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसकी शुरुआत 25 जून, 2015 को की गई थी. इस मिशन के तहत झुग्गी-झोपड़ी वासियों के साथ-साथ जरूरतमंदों को पक्का घर उपलब्ध करवाना है. पीएमएवाई-यू के तहत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं. मिशन महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से घरों का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है. दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समाज के कमजोर वगों को प्राथमिकता दी जाती है.

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात शीर्ष तीन राज्य हैं जिन्हें 2021-22 में प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के तहत अधिकतम घरों की मंजूरी दी गई है. गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी देते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को 2,51,848 घरों के साथ उत्तर प्रदेश को 1,28,349 और गुजरात को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 85,172 घरों को मंजूरी दी गई है. वर्ष 2021-22 में भारत भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 9,78,475 घरों को मंजूरी दी गई थी. राजस्थान का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्ताव के आधार पर अब तक 2,66,692 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 1,69,409 जमीनी हैं और 1,37,470 पूर्ण हो चुके हैं और लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं.

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प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत 1.22 करोड़ घरों में से कुल 61 लाख पक्के घरों का निर्माण किया गया है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में गुरुवार को कहा कि पीएमएवाई-यू योजना के तहत जून 2015 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सहायता दी जा रही है. हरदीप पुरी ने कहा कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर 31 मार्च, 2022 तक 1.22 करोड़ घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई है. इनमें से 61.15 लाख घर पूर्ण हो चुके हैं या लाभार्थियों को सुपुर्द कर दिए गए हैं. 1.22 करोड़ स्वीकृत घरों में से 41 लाख घरों को पिछले दो वषरें में मंजूरी दी गई है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत घरों के निर्माण में तेजी लाने की सलाह दी गई है ताकि सभी घरों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके. यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है.

यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसकी शुरुआत 25 जून, 2015 को की गई थी. इस मिशन के तहत झुग्गी-झोपड़ी वासियों के साथ-साथ जरूरतमंदों को पक्का घर उपलब्ध करवाना है. पीएमएवाई-यू के तहत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं. मिशन महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से घरों का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है. दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समाज के कमजोर वगों को प्राथमिकता दी जाती है.

Last Updated : Jul 22, 2022, 11:02 AM IST
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