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आंध्र प्रदेश: सीएम जगन मोहन रेड्डी की जनसभा में आईं महिलाओं से पुलिस ने उतरवाई काली चुन्नी

आंध्र प्रदेश के नरसापुरम में राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जनसभा हुई, जहां अधिकारियों ने कथित तौर पर लोगों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों की वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

Public meeting of Chief Minister Jagan Mohan Reddy
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जनसभा
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Published : Nov 22, 2022, 7:11 PM IST

नरसापुरम (आंध्र प्रदेश): राज्य के नरसापुरम में, जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मौजूद थे, अधिकारियों ने उत्साह दिखाया. सीएम की जनसभा से दो दिन पहले सड़कों पर कई पाबंदियां लगा दी गई थीं. जनसभा में आए लोगों को पुलिस द्वारा लगाई गई बंदिशों के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुरम में हुई सीएम जगन की सभा में पुलिस के हंगामे से महिलाओं और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.

सुरक्षा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास में धरना प्रदर्शन करने के इरादे से काली चुन्नी और मास्क पहनी महिलाओं व कर्मचारियों को अंदर जाने से रोक दिया. उन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए एक किनारे कर दिया गया, जिससे वह अंदर न जा पाएं. पुलिस ने उन्हें चुन्नी निकालकर बेरिकेड्स पर लगाने को कहा, जिसके बाद ही उन्हें अंदर भेजा गया. पुलिस ने कहा कि समस्याओं को लेकर सीएम साहब से गुहार लगाएं. पुलिस के इस रवैये की चौतरफा आलोचना हो रही है.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जनसभा में महिलाओं के साथ बदसलूकी

हमेशा व्यस्त रहने वाले नरसापुरम कस्बे की कई सड़कें सोमवार को सन्नाटे में डूबी हुईं थीं. मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कई सड़कों के दोनों ओर बेरिकेड्स लगा दिए गए. व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोली. पुलिस अधिकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और कई प्रमुख सड़कों पर यातायात अवरुद्ध कर दिया. पलाकोल्लू में संबंधित विभागों के कर्मचारियों ने लोगों को धमकी दी कि नरसापुरम में आयोजित मुख्यमंत्री की जनसभा में शामिल नहीं होने पर उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और योजनाओं को रद्द कर दिया जाएगा.

बारिश में सुबह 6 बजे लोगों को नरसापुरम पहुंचाने की व्यवस्था की गई स्कूल बसों पर संबंधित विभागों के कर्मचारी व कर्मचारी खड़े रहे और बस भर जाने के बाद ही उन्हें भेजा. प्रत्येक बस में एक प्रभारी को बैठाया गया और प्रभारी के पास उन लोगों के नाम और फोन नंबर दर्ज किए गए थे, जिन्हें बस में चढ़ना था. जो व्यक्ति नहीं आया, उसे बुलाया गया और बस में बैठाया गया. तो सचिवालय के कर्मचारी, द्वारका, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता और स्वयंसेवकों ने पूरे समय काम किया.

पढ़ें: हैदराबाद में तेलंगाना के मंत्री के घर और ऑफिस में आयकर विभाग का छापा

एनिमेटरों ने घर-घर जाकर फरमान जारी कर कहा कि प्रत्येक द्वारका समूह से कम से कम पांच लोग आएं. उन्होंने चेतावनी दी कि जो नहीं आएंगे उनका नाम ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा और उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. पोडुरु मंडल के क्रांति पथम के प्रभारी, द्वारका स्व-सहायता समितियों के सदस्यों के रिकॉर्ड के साथ सीएम सभा के रास्ते में महिलाओं को हिदायत देते नजर आए.

नरसापुरम (आंध्र प्रदेश): राज्य के नरसापुरम में, जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मौजूद थे, अधिकारियों ने उत्साह दिखाया. सीएम की जनसभा से दो दिन पहले सड़कों पर कई पाबंदियां लगा दी गई थीं. जनसभा में आए लोगों को पुलिस द्वारा लगाई गई बंदिशों के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुरम में हुई सीएम जगन की सभा में पुलिस के हंगामे से महिलाओं और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.

सुरक्षा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास में धरना प्रदर्शन करने के इरादे से काली चुन्नी और मास्क पहनी महिलाओं व कर्मचारियों को अंदर जाने से रोक दिया. उन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए एक किनारे कर दिया गया, जिससे वह अंदर न जा पाएं. पुलिस ने उन्हें चुन्नी निकालकर बेरिकेड्स पर लगाने को कहा, जिसके बाद ही उन्हें अंदर भेजा गया. पुलिस ने कहा कि समस्याओं को लेकर सीएम साहब से गुहार लगाएं. पुलिस के इस रवैये की चौतरफा आलोचना हो रही है.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जनसभा में महिलाओं के साथ बदसलूकी

हमेशा व्यस्त रहने वाले नरसापुरम कस्बे की कई सड़कें सोमवार को सन्नाटे में डूबी हुईं थीं. मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कई सड़कों के दोनों ओर बेरिकेड्स लगा दिए गए. व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोली. पुलिस अधिकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और कई प्रमुख सड़कों पर यातायात अवरुद्ध कर दिया. पलाकोल्लू में संबंधित विभागों के कर्मचारियों ने लोगों को धमकी दी कि नरसापुरम में आयोजित मुख्यमंत्री की जनसभा में शामिल नहीं होने पर उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और योजनाओं को रद्द कर दिया जाएगा.

बारिश में सुबह 6 बजे लोगों को नरसापुरम पहुंचाने की व्यवस्था की गई स्कूल बसों पर संबंधित विभागों के कर्मचारी व कर्मचारी खड़े रहे और बस भर जाने के बाद ही उन्हें भेजा. प्रत्येक बस में एक प्रभारी को बैठाया गया और प्रभारी के पास उन लोगों के नाम और फोन नंबर दर्ज किए गए थे, जिन्हें बस में चढ़ना था. जो व्यक्ति नहीं आया, उसे बुलाया गया और बस में बैठाया गया. तो सचिवालय के कर्मचारी, द्वारका, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता और स्वयंसेवकों ने पूरे समय काम किया.

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एनिमेटरों ने घर-घर जाकर फरमान जारी कर कहा कि प्रत्येक द्वारका समूह से कम से कम पांच लोग आएं. उन्होंने चेतावनी दी कि जो नहीं आएंगे उनका नाम ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा और उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. पोडुरु मंडल के क्रांति पथम के प्रभारी, द्वारका स्व-सहायता समितियों के सदस्यों के रिकॉर्ड के साथ सीएम सभा के रास्ते में महिलाओं को हिदायत देते नजर आए.

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