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मंदिर में लगवाई बेटी की प्रतिमा, हर रोज करते हैं पूजा

आंध्र प्रदेश में एक पिता ने अपनी मृत बेटी की याद में मंदिर बनवाया है (father built temple out of love for his daughter). उस मंदिर में बेटी की प्रतिमा लगवाई है, जिसकी वह रोज पूजा करते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

father built temple out of love for his daughter
मंदिर में लगवाई बेटी की प्रतिमा
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Published : Nov 21, 2022, 4:15 PM IST

नेल्लोर: घर की लक्ष्मी कही जाने वाली बेटियां माता-पिता की आंख का तारा होती हैं. एक पिता का बेटी के लिए प्यार देखना है तो आप आंध्र प्रदेश के नेल्लोर आकर देखिए. यहां एक पिता ने अपनी मृत बेटी की याद में मंदिर बनवा रखा है (father built temple out of love for his daughter). मंदिर में किसी देवी की नहीं बल्कि बेटी की प्रतिमा स्थापित की है, जिसकी वह रोज पूजा करते हैं.

वेंकटचलम मंडल के काकुतुर में रहने वाले चेंचय्या और लक्ष्मम्मा के पांच बच्चे हैं. चौथी बेटी सुब्बालक्ष्म्मा (Lakshmamma) के जन्म के बाद इस दंपति का जीवन आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो गया. परिवार में संपन्नता बढ़ती गई. सुब्बालक्ष्म्मा ने पढ़ाई पूरी की फिर वन विभाग में नौकरी लग गई. माता-पिता बेटी के नौकरी पाने से काफी खुश थे. सबकुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

2011 में एक सड़क हादसे में सुब्बालक्ष्म्मा की मौत हो गई. माता-पिता सदमे में डूब गए. चेंचैया ने कहा कि मंदिर सुब्बालक्ष्म्मा की इच्छा पर बनाया गया है. उनका कहना है कि बेटी ने सपने में उनसे मंदिर बनाने के लिए कहा. तभी से मंदिर में बेटी की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है.

पढ़ें- कर्नाटक के शख्स ने अपने घर में लगाई मृत पत्नी की सजीव प्रतिमा!

नेल्लोर: घर की लक्ष्मी कही जाने वाली बेटियां माता-पिता की आंख का तारा होती हैं. एक पिता का बेटी के लिए प्यार देखना है तो आप आंध्र प्रदेश के नेल्लोर आकर देखिए. यहां एक पिता ने अपनी मृत बेटी की याद में मंदिर बनवा रखा है (father built temple out of love for his daughter). मंदिर में किसी देवी की नहीं बल्कि बेटी की प्रतिमा स्थापित की है, जिसकी वह रोज पूजा करते हैं.

वेंकटचलम मंडल के काकुतुर में रहने वाले चेंचय्या और लक्ष्मम्मा के पांच बच्चे हैं. चौथी बेटी सुब्बालक्ष्म्मा (Lakshmamma) के जन्म के बाद इस दंपति का जीवन आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो गया. परिवार में संपन्नता बढ़ती गई. सुब्बालक्ष्म्मा ने पढ़ाई पूरी की फिर वन विभाग में नौकरी लग गई. माता-पिता बेटी के नौकरी पाने से काफी खुश थे. सबकुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

2011 में एक सड़क हादसे में सुब्बालक्ष्म्मा की मौत हो गई. माता-पिता सदमे में डूब गए. चेंचैया ने कहा कि मंदिर सुब्बालक्ष्म्मा की इच्छा पर बनाया गया है. उनका कहना है कि बेटी ने सपने में उनसे मंदिर बनाने के लिए कहा. तभी से मंदिर में बेटी की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है.

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