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Andhra Pradesh News : डॉक्टरों ने महिला के हाथ में छोड़ा ब्लेड, लापरवाही का लगा आरोप

ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने महिला मरीज के शरीर में एक सर्जिकल ब्लेड छोड़ दिया, जिससे उसके हाथ में इंफेक्शन हो गया. पढ़ें पूरी खबर...

Andhra Pradesh News
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 8, 2023, 2:11 PM IST

विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश): चिकित्सकीय लापरवाही की एक चौंकाने वाली घटना में, विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने एक महिला के हाथ में एक सर्जिकल ब्लेड छोड़ दिया. महिला वह सांप के काटने का इलाज करवाने आई थी. लड़की के परिजनों के मुताबिक, अस्पताल के कर्मचारियों ने घाव पर ब्लेड छोड़ दिया. फिर उस पर पट्टी बांध दी. नतीजतन, घाव संक्रमित हो गया. यह घटना तब सामने आई जब पीड़िता ने घायल क्षेत्र के चारों ओर अपनी त्वचा को काला होते देखा.

उसे लगा कि यह कोई संक्रमण है. जिसके कारण उसकी त्वचा नीली पड़ रही है. पीड़ित परिवार ने अस्पताल के स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल की गलती के कारण मरीज को अपना हाथ गंवाना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को कृष्णा जिले के विसानपेट की रहने वाली तुलसी अपने घर की सफाई कर रही थी. जब वह अपने बिस्तर के नीचे सफाई कर रही थी तो उसे बिस्तर के नीचे लिपटे एक सांप ने काट लिया.

पढ़ें : PM Modi In Hyderabad : पीएम मोदी ने सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

तुलसी के परिवार के सदस्य उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां उसे प्राथमिक उपचार और जहर रोधी इंजेक्शन दिया गया. उसके हाथ में सूजन आ जाने के बाद उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया. जब उसे विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उन्होंने तुलसी को भर्ती कर लिया. उसे वहां अपना इलाज जारी रखने के लिए कहा गया. उपचार के दिनों में, तुलसी की सूजन कम नहीं हुई बल्कि बढ़ रही थी. डॉक्टरों ने सूजन को कम करने के लिए सर्जरी करने का फैसला किया.

ऑपरेशन के बाद पीड़िता के हाथ पर कोहनी तक पट्टी बांध दी गई. दो दिनों के बाद, जब परिचारिकाओं ने पट्टी बदलने के लिए पट्टी खोली, तो तुलसी ने अपने घाव पर एक ब्लेड देखा और पूछा कि यह क्यों है. जैसे ही उन्होंने वहां नर्सों से बात की, उन्होंने जवाब दिया कि वे इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सकती हैं और उन्हें वरिष्ठ डॉक्टरों से बात करनी होगी. तुलसी के पति सुरेश ने कहा कि तुलसी ने शिकायत की थी कि कोई चीज उसे पट्टी से छेद कर रही है, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने नहीं सुनी. अब अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तुलसी को अपना हाथ गंवाना पड़ सकता है. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि पीड़ित का घाव जल्द ही ठीक हो जाएगा और हाथ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

पढ़ें : निकोबार परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी पर पुनर्विचार के लिए समिति बनाने पर कांग्रेस ने केंद्र को घेरा

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उसे लगा कि यह कोई संक्रमण है. जिसके कारण उसकी त्वचा नीली पड़ रही है. पीड़ित परिवार ने अस्पताल के स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल की गलती के कारण मरीज को अपना हाथ गंवाना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को कृष्णा जिले के विसानपेट की रहने वाली तुलसी अपने घर की सफाई कर रही थी. जब वह अपने बिस्तर के नीचे सफाई कर रही थी तो उसे बिस्तर के नीचे लिपटे एक सांप ने काट लिया.

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तुलसी के परिवार के सदस्य उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां उसे प्राथमिक उपचार और जहर रोधी इंजेक्शन दिया गया. उसके हाथ में सूजन आ जाने के बाद उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया. जब उसे विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उन्होंने तुलसी को भर्ती कर लिया. उसे वहां अपना इलाज जारी रखने के लिए कहा गया. उपचार के दिनों में, तुलसी की सूजन कम नहीं हुई बल्कि बढ़ रही थी. डॉक्टरों ने सूजन को कम करने के लिए सर्जरी करने का फैसला किया.

ऑपरेशन के बाद पीड़िता के हाथ पर कोहनी तक पट्टी बांध दी गई. दो दिनों के बाद, जब परिचारिकाओं ने पट्टी बदलने के लिए पट्टी खोली, तो तुलसी ने अपने घाव पर एक ब्लेड देखा और पूछा कि यह क्यों है. जैसे ही उन्होंने वहां नर्सों से बात की, उन्होंने जवाब दिया कि वे इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सकती हैं और उन्हें वरिष्ठ डॉक्टरों से बात करनी होगी. तुलसी के पति सुरेश ने कहा कि तुलसी ने शिकायत की थी कि कोई चीज उसे पट्टी से छेद कर रही है, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने नहीं सुनी. अब अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तुलसी को अपना हाथ गंवाना पड़ सकता है. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि पीड़ित का घाव जल्द ही ठीक हो जाएगा और हाथ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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