नई दिल्ली : कोरोना वायरस का असर कब खत्म होगा, इसे लेकर अब तक कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है. आम तौर पर लोग ये मानने लगे हैं कि कोरोना का भय अगले साल खत्म हो जाएगा, उसके बाद जिंदगी सामान्य हो जाएगी, लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के पूर्व निदेशक एनके गांगुली ऐसा नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि टीका विकसित होने के बावजूद कोरोना का भय 2023 से पहले खत्म नहीं होगा. ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने चौंकाने वाली बात कही है.
एनके गांगुली ने कहा कि मौजूदा समय में वायरस की जो भी स्थिति देखने को मिल रही है, इसके बारे में पहले से पता था. क्योंकि कोरोना भी एन्फ्लूएंजा की तरह ही व्यवहार करता है. ऐसे में सर्दियों में इसका बढ़ना स्वाभाविक है. त्योहार के दौरान लोगों की भीड़ बढ़ी है, लिहाजा इसका असर पहले के मुकाबले अधिक देखने को मिल रहा है.
गांगुली कहते हैं कि भारत में बेशक ओवरऑल पॉपुलेशन के हिसाब से कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा कम है, लेकिन एडल्ट में इसका डेथ रेट 18 फीसदी तक है. ये सभी लोग 45 से ऊपर की उम्र वाले हैं. उन्होंने कहा कि मामले बढ़ रहे हैं. खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में. ये कोई नया नहीं है. इन जगहों पर कोरोना का वेव देखने को मिल रहा है.
कंप्लीट लॉकडाउन मुमकिन नहीं
गांगुली ने कहा कि कंप्लीट लॉकडाउन अब मुमकिन नहीं है. हालांकि, समय रहते पाबंदियां लगानी होंगी. दिल्ली की स्थिति की बात करें, तो यहां और भी जगह के लोग रोजाना काम के सिलसिले में या किसी और कारण से आते हैं. इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम और नोएडा के लोग शामिल हैं. मामलों को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है. इस समय कांटेक्ट ट्रेसिंग की जरूरत है.
फाइजर और मॉडर्ना रेस में आगे
गांगुली कहते हैं कि कई देशों की कई कंपनियां वैक्सीन बनाने के मामले में आगे चल रही हैं. उनका रिसर्च एडवांस स्टेज में है, लेकिन फायदे की उपलब्धता भारत के लिए नहीं हो सकती. इसमें कोल्ड चेन सबसे बड़ी अड़चन है. वहीं दूसरी तरफ 2021 तक इसे एडवांस में बुक कर लिया गया है. मॉडर्ना की डोज भारत को मिलेगी, लेकिन वो अगले साल तक उप्लब्ध हो पाएगी.
सितंबर तक 30 करोड़ डोज
गांगुली कहते हैं कि सितंबर महीने तक भारत में 30 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएगा. हालांकि, इसके डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी बहुत मुश्किल आने वाली है. इसके लिए सरकार ने प्राथमिकता तय कर रखी है, लेकिन इसमें भी प्लानिंग से काम करना होगा.
2023 तक नहीं होगा कंट्रोल
गांगुली ने कहा कि 2023 तक कोरोना कंट्रोल में नहीं होगा. इसके लिए पूरी स्ट्रेटेजी बनानी होगी, तभी ये कंट्रोल में आएगा.