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69 वर्षों से श्वेत क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही अमूल डेयरी

अमूल डेयरी पिछले 69 सालों से श्वेत क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही है. बता दें, यहां बेहद कम तापमान में कृत्रिम तापमान में दर्जनों जानवरों के वीर्य संरक्षित किए जाते हैं.

amul dairy manages its cold supply chain
अमूल डेयरी
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Published : Dec 11, 2020, 5:00 PM IST

आणंद : दुधारू पशुओं के पशुधन में सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत करने वाली अमूल डेयरी पिछले 69 वर्षों से देश में श्वेत क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही है. इस प्रणाली के तहत अमूल के विशेषज्ञ बेहद कम तापमान में दर्जनों जानवरों के वीर्य को संरक्षित और ट्रांसपोर्ट करते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक अमित व्यास ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया 1951 से लागू है, जिसके द्वारा दुधारू पशुओं की उन्नत नस्ल को सबसे प्रभावी तरीके से विकसित किया जा रहा है. इससे पहले, जब रेफ्रीजेरेशन की तकनीक उपलब्ध नहीं थी, तो अमूल ने कम तापमान के तहत वीर्य के भंडार को रखने के लिए बर्फ का उपयोग किया था. उसके बाद में, अमूल ने आणंद जिले में ओड में अपना अनुसंधान और विकास केंद्र शुरू किया. जिसने बेहद ठंड में भी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की है.

भारत अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक अमित व्यास ने ईटीवी भारत से की विशेष बात

एक नजर

  1. अमूल डेयरी पिछले 69 वर्षों से कोल्ड सप्लाई चेन का प्रबंधन कर रही है.
  2. अमूल अनुसंधान और विकास केंद्र वीर्य बैंक एकत्र कर रहा है.
  3. हर दिन 20,000 से अधिक खुराकें तैयार की जा रही हैं.
  4. अमूल ने 1,200 दुग्ध सहकारी समितियों का एक नेटवर्क विकसित किया है.
  5. बिना किसी रुकावट के अमूल का 16,000 किमी का नेटवर्क काम कर रहा है.
  6. हर साल 50 लाख से अधिक खुराकें तैयार की जा रही है.
  7. बता दे. यह सिस्टम 1951 में विकसित किया गया है.

हर साल 50 लाख से अधिक तैयार किए जाते हैं वीर्यरोपण
ईटीवी भारत से बात करते हुए अमित व्यास ने कहा कि अमूल ने ओड अनुसंधान केंद्र में 150 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले बैल रखे हैं, जिनसे करीब 20 हजार दर्जन कृत्रिम गर्भाधान तैयार किए हैं. उन्होंने कहा कि इन 150 बैलों में से 50 बैलों के वीर्य एकत्र किए गए. जिसके परिणामस्वरूप कृत्रिम गर्भाधान के लिए 20 हजार से अधिक वीर्यरोपण मिले. वहीं, सालभर में करीब 50 लाख से अधिक वीर्यरोपण तैयार किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इनको बेहद कम तापमान में संरक्षित करने के लिए अमूल तरल नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है.

Amul manages its cold supply chain
बेहद कम तापमान में किया जाता है वीर्य संरक्षण

16,000 लीटर तरल नाइट्रोजन का भंडार
अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि अमूल ने अपने ओड अनुसंधान केंद्र में करीब 16,000 लीटर तरल नाइट्रोजन के भंडार को बनाए रखने की टेक्नोलॉजी विकसित की है. यहां एक महीने से अधिक के लिए 350 लीटर छोटे टैंक में वीर्य सुरक्षित रखे जाते हैं. 16,000 किलोमीटर में फैली 1,200 दूध सहकारी समितियों के नेटवर्क को अमूल 91 रास्तों से तय करता है. उन्होंने कहा कि आपूर्ति के दौरान लगभग 20 फीसदी लिक्विड नाइट्रोजन वाष्पित हो जाती है. अमित व्यास ने कहा कि लिक्विड नाइट्रोजन के 4 टैंक कोल्ड सप्लाई चेन के साथ रखे जाते हैं. संपूर्ण कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को डिजिटली मॉनिटरिंग की जाती है. अनुसंधान केंद्र से प्रत्येक दुग्ध सहकारी समिति तक ले जाने के लिए तरल नाइट्रोजन की मदद से -196 डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखा जाता है. वीर्य का भंडारण सहकारी समिति तक पहुंचने के बाद इसे तीन लीटर के टैंक में संग्रहित किया जाता है. जिसे बाद में डेयरी कर्मचारी द्वारा सुदूर गांव में ले जाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्यूनतम तापमान बनाए रखा जाए. कोल्ड सप्लाई चेन को बनाए रखने के लिए अमूल डेयरी 7 लाख लीटर लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल करती है.

Amul manages its cold supply chain
अमूल डेयरी

दो भागों में विभाजित है प्रक्रिया
अमूल हर साल 1,200 सहकारी समितियों की सेवा और कृत्रिम गर्भाधान के लिए 50 लाख वीर्य की खुराक के साथ कोल्ड सप्लाई चेन प्रबंधन प्रणाली पर अपने 29 विशेषज्ञों को तैनात करता है. वहीं, दूसरे चरण में, सुदूर गांव में डेयरी के कर्मचारी दूध उत्पादक किसानों को वीर्य वितरित करते हैं. बता दें, वीर्य का औसत सामान्य तापमान 37 डिग्री है. जो ट्रांसपोर्ट के दौरान -196 डिग्री पर रखा जाता है. वीर्य को प्रत्यारोपित करने से पहले उसके तापमान को वापस उसके मूल 37 डिग्री पर लाया जाता है. अमूल डेयरी में 1200 कर्मचारी हैं जो कृत्रिम गर्भाधान कराते हैं.

Amul manages its cold supply chain
सावधानीपूर्वक ले जाया जाता है संरक्षित वीर्य को

कोरोना वैक्सीन के वितरण में साबित होगी उपयोगी
अमूल की विशेषज्ञता और कोल्ड सप्लाई चेन को बनाए रखने का अनुभव आने वाले दिनों में कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण में बेहद उपयोगी साबित होने वाला है. अमूल पहले से ही अपने 14 पशु चिकित्सा केंद्रों में जानवरों के लिए पशु चिकित्सा टीका बेहद कम तापमान पर पहुंचाता है, जहां से पशु चिकित्सक 3 लीटर क्षमता वाले छोटे कंटेनर में वैक्सीन ले जाते हैं. अमूल 200 सहकारी समितियों से जुड़े तीन से चार लाख से अधिक जानवरों की सेवा के लिए हर साल वैक्सीन के तीन से चार लाख दर्जन की आपूर्ति करता है. इस तरह के अनुभव के साथ, अमूल की कोल्ड सप्लाई चेन आने वाले दिनों में कोरोनोवायरस के टीके के परिवहन में बहुत उपयोगी साबित होगी.

Amul manages its cold supply chain
अमूल डेयरी

आणंद : दुधारू पशुओं के पशुधन में सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत करने वाली अमूल डेयरी पिछले 69 वर्षों से देश में श्वेत क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही है. इस प्रणाली के तहत अमूल के विशेषज्ञ बेहद कम तापमान में दर्जनों जानवरों के वीर्य को संरक्षित और ट्रांसपोर्ट करते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक अमित व्यास ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया 1951 से लागू है, जिसके द्वारा दुधारू पशुओं की उन्नत नस्ल को सबसे प्रभावी तरीके से विकसित किया जा रहा है. इससे पहले, जब रेफ्रीजेरेशन की तकनीक उपलब्ध नहीं थी, तो अमूल ने कम तापमान के तहत वीर्य के भंडार को रखने के लिए बर्फ का उपयोग किया था. उसके बाद में, अमूल ने आणंद जिले में ओड में अपना अनुसंधान और विकास केंद्र शुरू किया. जिसने बेहद ठंड में भी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की है.

भारत अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक अमित व्यास ने ईटीवी भारत से की विशेष बात

एक नजर

  1. अमूल डेयरी पिछले 69 वर्षों से कोल्ड सप्लाई चेन का प्रबंधन कर रही है.
  2. अमूल अनुसंधान और विकास केंद्र वीर्य बैंक एकत्र कर रहा है.
  3. हर दिन 20,000 से अधिक खुराकें तैयार की जा रही हैं.
  4. अमूल ने 1,200 दुग्ध सहकारी समितियों का एक नेटवर्क विकसित किया है.
  5. बिना किसी रुकावट के अमूल का 16,000 किमी का नेटवर्क काम कर रहा है.
  6. हर साल 50 लाख से अधिक खुराकें तैयार की जा रही है.
  7. बता दे. यह सिस्टम 1951 में विकसित किया गया है.

हर साल 50 लाख से अधिक तैयार किए जाते हैं वीर्यरोपण
ईटीवी भारत से बात करते हुए अमित व्यास ने कहा कि अमूल ने ओड अनुसंधान केंद्र में 150 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले बैल रखे हैं, जिनसे करीब 20 हजार दर्जन कृत्रिम गर्भाधान तैयार किए हैं. उन्होंने कहा कि इन 150 बैलों में से 50 बैलों के वीर्य एकत्र किए गए. जिसके परिणामस्वरूप कृत्रिम गर्भाधान के लिए 20 हजार से अधिक वीर्यरोपण मिले. वहीं, सालभर में करीब 50 लाख से अधिक वीर्यरोपण तैयार किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इनको बेहद कम तापमान में संरक्षित करने के लिए अमूल तरल नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है.

Amul manages its cold supply chain
बेहद कम तापमान में किया जाता है वीर्य संरक्षण

16,000 लीटर तरल नाइट्रोजन का भंडार
अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि अमूल ने अपने ओड अनुसंधान केंद्र में करीब 16,000 लीटर तरल नाइट्रोजन के भंडार को बनाए रखने की टेक्नोलॉजी विकसित की है. यहां एक महीने से अधिक के लिए 350 लीटर छोटे टैंक में वीर्य सुरक्षित रखे जाते हैं. 16,000 किलोमीटर में फैली 1,200 दूध सहकारी समितियों के नेटवर्क को अमूल 91 रास्तों से तय करता है. उन्होंने कहा कि आपूर्ति के दौरान लगभग 20 फीसदी लिक्विड नाइट्रोजन वाष्पित हो जाती है. अमित व्यास ने कहा कि लिक्विड नाइट्रोजन के 4 टैंक कोल्ड सप्लाई चेन के साथ रखे जाते हैं. संपूर्ण कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को डिजिटली मॉनिटरिंग की जाती है. अनुसंधान केंद्र से प्रत्येक दुग्ध सहकारी समिति तक ले जाने के लिए तरल नाइट्रोजन की मदद से -196 डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखा जाता है. वीर्य का भंडारण सहकारी समिति तक पहुंचने के बाद इसे तीन लीटर के टैंक में संग्रहित किया जाता है. जिसे बाद में डेयरी कर्मचारी द्वारा सुदूर गांव में ले जाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्यूनतम तापमान बनाए रखा जाए. कोल्ड सप्लाई चेन को बनाए रखने के लिए अमूल डेयरी 7 लाख लीटर लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल करती है.

Amul manages its cold supply chain
अमूल डेयरी

दो भागों में विभाजित है प्रक्रिया
अमूल हर साल 1,200 सहकारी समितियों की सेवा और कृत्रिम गर्भाधान के लिए 50 लाख वीर्य की खुराक के साथ कोल्ड सप्लाई चेन प्रबंधन प्रणाली पर अपने 29 विशेषज्ञों को तैनात करता है. वहीं, दूसरे चरण में, सुदूर गांव में डेयरी के कर्मचारी दूध उत्पादक किसानों को वीर्य वितरित करते हैं. बता दें, वीर्य का औसत सामान्य तापमान 37 डिग्री है. जो ट्रांसपोर्ट के दौरान -196 डिग्री पर रखा जाता है. वीर्य को प्रत्यारोपित करने से पहले उसके तापमान को वापस उसके मूल 37 डिग्री पर लाया जाता है. अमूल डेयरी में 1200 कर्मचारी हैं जो कृत्रिम गर्भाधान कराते हैं.

Amul manages its cold supply chain
सावधानीपूर्वक ले जाया जाता है संरक्षित वीर्य को

कोरोना वैक्सीन के वितरण में साबित होगी उपयोगी
अमूल की विशेषज्ञता और कोल्ड सप्लाई चेन को बनाए रखने का अनुभव आने वाले दिनों में कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण में बेहद उपयोगी साबित होने वाला है. अमूल पहले से ही अपने 14 पशु चिकित्सा केंद्रों में जानवरों के लिए पशु चिकित्सा टीका बेहद कम तापमान पर पहुंचाता है, जहां से पशु चिकित्सक 3 लीटर क्षमता वाले छोटे कंटेनर में वैक्सीन ले जाते हैं. अमूल 200 सहकारी समितियों से जुड़े तीन से चार लाख से अधिक जानवरों की सेवा के लिए हर साल वैक्सीन के तीन से चार लाख दर्जन की आपूर्ति करता है. इस तरह के अनुभव के साथ, अमूल की कोल्ड सप्लाई चेन आने वाले दिनों में कोरोनोवायरस के टीके के परिवहन में बहुत उपयोगी साबित होगी.

Amul manages its cold supply chain
अमूल डेयरी
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