चंडीगढ़: वारिस पंजाब दे संगठन प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश के लिए पंजाब पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तर प्रदेश पहुंच गई है. करीब 10 दिन पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से अमृतपाल सिंह के मोबाइल की लोकेशन मिली थी, जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
भारत और नेपाल बीएसएफ अलर्ट
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नेपाल और सीमा पार से अमृतपाल सिंह को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई थी, जिसके चलते अमृतपाल ने बिना नेपाल सीमा पार किए पंजाब आने की योजना बनाई. अब जब वह फिर से पंजाब से बाहर है, तो हो सकता है कि वह यूपी, उत्तराखंड और नेपाल की सीमा से लगे डेरों में जाकर सुरक्षित स्थान पर रहा हो. साथ ही अमृतपाल सिंह को लेकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और नेपाल सुरक्षा बल को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है.
पीलीभीत में गुरुद्वारा साहिब से सीसीटीवी 'गायब'
पंजाब पुलिस की जांच में सामने आया कि पीलीभीत के मोहनपुर गुरुद्वारे में 25 मार्च से पहले के सभी सीसीटीवी फुटेज गायब हो गए हैं. फुटेज 26 मार्च से गुरुद्वारे में शुरू हो रही है. इस सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को पता चला है कि गुरुद्वारे में खड़ी स्कॉर्पियो कार, जो डेरा प्रमुख के नाम से दर्ज है, जिसमें अमृतपाल सिंह यूपी से पंजाब पहुंचा था.
पालप्रीत और अमृतपाल हुए अलग
जहां एक ओर पुलिस अमृतपाल की तलाश कर रही है, वहीं दूसरी ओर पपलप्रीत सिंह भी पंजाब पुलिस के लिए एक रहस्य बन गया है. पुलिस के पास अमृतपाल के बारे में इनपुट आ रहे हैं, लेकिन पुलिस को पपलप्रीत सिंह का कोई सुराग नहीं मिल सका है. पुलिस को पपलप्रीत के बारे में जो ताजा जानकारी मिली है वह यह है कि अमृतपाल और पपलप्रीत सिंह दोनों अलग हो चुके हैं. इसके बाद पिछले दिनों पकड़े गए जोगा सिंह को लेकर पपलप्रीत सिंह फरार हो गया, लेकिन जोगा सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया और पपलप्रीत फिर भागने में सफल रहा.
खबर है कि अमृतपाल 27 मार्च को होशियारपुर में मौजूद था. सूत्रों के अनुसार अमृतपाल ने जिले के नडालों गांव के गुरुघर में शरण ली थी. बताते चलें कि अमृतपाल सिंह के साथ उसका साथी पपलप्रीत सिंह भी मौजूद था. गौरतलब है कि इस गुरुद्वारे की पूरे पंजाब में 50 शाखाएं हैं.