नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. दिनभर चलने वाली बैठक में गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी शामिल होंगे. आपदा प्रबंधन में भारत के समक्ष चुनौतियों पर विचार करते हुए बैठक में इन चुनौतियों से निपटने की अगले चरण की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
यह बैठक आपदा प्रबंधन को राहत-केंद्रित, पूर्व-चेतावनी-केंद्रित, सक्रिय और प्रारंभिक तैयारी-आधारित बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा है. गृह मंत्री के मुताबिक, पहले देश में आपदा प्रबंधन के प्रति केवल राहत-केंद्रित दृष्टिकोण था, जिसमें जान-माल के नुकसान को कम करना शामिल नहीं था, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दृष्टिकोण बदल गया. गृह मंत्रालय ने हर पांच साल और हर साल 2047 तक के लक्ष्य तय किए हैं, जिसके लिए वह पूरी तत्परता से काम कर रहा है.
बता दें कि पिछले साल गृह मंत्री ने गुजरात के केवड़िया में 'आपदा प्रबंधन' पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की भी अध्यक्षता की थी. समिति की बैठक में भाग लेने वाले सांसद एनके प्रेमचंद्रन, कुंवर दानिश अली, प्रोफेसर (डॉ.) राम शंकर कठेरिया, श्री सीएम रमेश, राजेंद्र अग्रवाल, लॉकेट चटर्जी, विजय कुमार हंसदक, नीरज शेखर, पीपी चौधरी, केसी राममूर्ति, नब (हीरा) कुमार सरानिया, के रवींद्र कुमार और के गोरंतिया माधव शामिल थे.
(एएनआई)